जरूरत पड़ने पर 2अप्रैल 2017 की तरह आंदोलन करेगा आदिवासी समाज।
जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय जिसमे अनुसूचित जाति & जनजाति मे भी क्रिमिलेयर लागू करने की बात कहकर राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे जिसके बाद देश भर मेइस फैसले का विरोध किया जाकर 21 अगस्त को भारत बंद का आव्हान किया गया था जिसका मिला जुला असर आलीराजपुर मे भी देखने को मिला।
आज जिला मुख्यालय पर सैकड़ो अधिकारी कर्मचारियों ने शासकीय अवकाश लेकर स्थानीय सुरेंद्र उद्यान मे एकत्रित हुए और वैचारिक मंथन कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और सरकार की भूमिका पर चर्चा की और करीबन 3:30 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन मे माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू न करने और SC, ST की विशेष पिछडी जातियों को विशेष EWS की तर्ज पर व्यवस्था कर उन्हें मुख्य धारा मे लाने का कार्य करें।
सविंधान की 7 जजो की पीठ ने सविंधान की मंशा आर्टिकल 341 विरुद्ध जाकर फैसला सुनाया जिसे सविंधान विरोधी बताया साथ ही ज्ञापन मे लिखा की हजारों वर्षो से पीड़ित शोषित बेगारी करने वाली इन पिछडी जातियों को सविंधान मे अधिकार मिलने के बावजूद उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ता है बड़ी मुश्किल से आज इस वर्ग के पड़ेलिखें कुछ ही लोग चपरासी बाबू डॉक्टर इंजीनियर और कुछेक डिप्टी कलेक्टर ही हुए है और लाखो कर्मचारियों का प्रमोशन रह गया जो सेवानिवृत हो चुके है वही बेरोजगार की मार झेल रहे लाखो sc st के युवा भर्ती को तरस रहे बेकलॉग पदों पर भर्ती न होने से सम्पूर्ण समाज पिछड़ गया।
इन वर्गो का उच्च शैक्षणिक संसस्थानों मे प्रतिनिधित्व नगन्य है एवं जिस बेच ने फैसला सुनाया उसमे एक आदिवासी जज नही है।
बावजूद इस तरह का फैसला लेने से क्रिमिलेयर अवधारणा से ये समाज आपस मे लड़कर टूट जायेगा इसलिए इसे लागू न करो इसे आरक्षण को सविंधान की 9वी अनुसूची मे शामिल किया जाये।
ज्ञापन महिला मंडल की संगीता चौहान ने वाचन किया जो आलीराजपुर तहसीलदार श्री हर्षल बहरानी को सौपा गया । आलीराजपुर आदिवासी समाज का कहना है जनभावनाओं को देखते हुए नगरबंद सबंधित कोई आव्हान नही होने से नगर खुला रहा।
इस सबंध मे आगे कोई योजना बनी तो नगरबंद कर बड़े स्तर का पर आंदोलन करने को समाज अब तैयार है।
इस दौरान अनुसूचित जाति & जनजाति समाज के सभी प्रतिनिधित्वकर्ता सामाजिक और जागरूक लोग शामिल रहे।