आंगनवाडी सुपरवाइजर की नियुक्ती को लेकर अनुभव प्रमाण-पत्र बनाने मे बड़ी चूक,कार्यकर्ताओ के भविष्य के साथ खिलवाड़।
✍️जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर। इन दिनो महिला एवं बाल विकास परियोजना विभाग मे आंगनवाडी सुपरवाइजर की नियुक्ती होना है, जिसके लिए कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किए जा रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में आंगनवाडी कार्यकर्ताओ को भी पात्रता है जिनको पाच वर्ष का अनुभव हो ऐसे मे अनुभव प्रमाण-पत्र की आवश्यकता भी पड़ रही है। जिसे लेकर आंगनवाडी कार्यकर्ता प्रभारी परियोजना अधिकारी कस्तुरी किराड़ महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी के समक्ष पहुंचकर अपना अनुभव प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं। लेकिन परियोजना अधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के दौरान एक बड़ी गलती भी कर रही है।
ऐसा प्रतीत होता है कि परियोजना अधिकारी जारी प्रमाण पत्र पर बगैर देखे ही प्रमाण पत्र जारी कर रही है। मैडम अपने अन्य काम में इतनी बीजी हे कि वे ये देख ही नहीं रही हे कि जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र की दिनांक कब से कब तक लिख रही है।
बस चिड़िया बैठाने काम जारी है। हमने जब जारी किए गए प्रमाण पत्र देखे तो सोचने पर मजबूर हो गए कि इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है।
देखे और समझे
प्रमाणित किया जाता है कि सुश्री / श्रीमती सुनिता रावत पिता/पति श्री शैलेन्द्रसिंह रावत की नियुक्ति आदेश/क्र/स्था / ICDS/2013 / 339-340 अलीराजपुर दिनांक 06.02.2013 के तहत आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर आंगनवाडी केन्द्र ग्राम- आम्बुआ वार्ड 08 (कुम्हार मोहल्ला) में दिनांक 06.02.2013 से निरंतर आंगनवाडी कार्यकरत है इनके द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा से कार्य किया जा रहा
है।
अतः उक्त प्रमाण-पत्र इनके अच्छे भविष्य की कामना करते हुए इनके चाहे जाने पर प्रदाय किया जाता है।
दुसरा भी देखे।
प्रमाणित किया जाता है कि सुश्री / श्रीमती नर्मदा दुबे पिता/पति श्री कैलाश की नियुक्ति आदेश / क्र/स्था / ICDS/2013/ 166167 अलीराजपुर दिनांक 24.04.2017 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर आंगनवाडी केन्द्र ग्राम- आम्बुआ पडाव फलिया में दिनांक 06.02.2013 से निरंतर आगनवाडी कार्यकरता है इनके द्वारा आगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा से कार्य किया जा रहा है।
अतः उक्त प्रमाण-पत्र इनके अच्छे भविष्य की कामना करते हुए इनके जाने पर प्रदाय किया जाता है।
इसतरह से तो कार्यकर्ताओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अब ये जानबूझ कर किया गया या अंजाने मे हुआ है ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। फिर भी बड़ा सवाल यह है की परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ होने के बाद बगैर जांच किये या बगैर पढे अपने सिग्नेचर करना कहा तक उचित है।
ये तीसरा भी देखे
चर्चा का विषय
आंगनवाडी कार्यकर्ताओ का कहना है की ये तो कुछ समझदार कार्यकर्ताओ को गलती दिखाई दी। ऐसे कही कार्यकर्ताओ ने जल्दबाजी मे बगैर चेक किए अपने अनुभव प्रमाण-पत्र जमा करवा दिये है, उनके भविष्य के साथ तो खिलवाड़ हो सकता है। अब बात ये हुई की करे कोन और भरे कोन ऐसे मे जिम्मेदार कोन होगा इसपर ध्यान देना भी जरूरी है।
क्या बोले जिम्मेदार सुने
परियोजना अधिकारी का कहना है की कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती है हम मानते है बाबु द्वारा एम आय से चेक करके बना रहे है मेरे से बस साईन करायी और मेने कर दी। मे मुल सुपरवाइजर के पद पर हु मुझे अतिरिक्त प्रभार परियोजना का भी दिया गया है गलती हुई है जिसको सुधार करके दे दिए गये है।