Ad2

अंधविश्वास की आड़ में कब तक होते रहेंगे अपराध, फिर डायन की शंका में एक महिला ने गंवाई जान ?

अतहर रिज़वी / जुबेर निजामी की रिपोर्ट ✍🏻
चिंताजनक है कि आजादी के सात दशक बाद भी हमारा समाज अंधविश्वास के गर्त से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

अलीराजपुर /कट्ठीवाड़ा जागरूकता की कमी के कारण लगातार महिलाएं डायन का शिकार हो रही है. डायन प्रथा कोई नया मामला नहीं है और इस कुप्रथा के चक्कर में कई महिलाएं अपनी जान से हाथ धो बैठी हैं. वहीं आदिवासी समाज में लगातार डायन कुप्रथा को लेकर घटनाएं सामने आ रही हैं. जहां इस कुप्रथा के चक्कर में आपस में ही लोग एक दूसरे को मौत के घाट उतार देते हैं। ताजा मामला पुनियावट सिंधी फलिये का मामला सामने आया है। जहाँ कट्ठीवाड़ा थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया गया है। घटना दिनांक 09.08.2023 को मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र में गाँव मे दिवासा का त्यौहार मनाया जा रहा था। उस वक्त फरियादी अपनी माता पिता के साथ ही रहता है। फरियादी द्वारा बताया गया कि मेरे माता पिता पिता मेरे घर के आंगन में खटिया में शाम को खाना खाकर सोये थे। और मैं अपने घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर सरमल पिता कलसिंह भूरिया निवासी पुनियावाद के घर पर सोया था। सुबह उठकर घर पर आया तो मेरी माँ लीलाबाई उसकी खाट पर थी। कपड़ा सिर पर ढका हुआ था। पिता दायचन्द ने बताया कि रात में करीब 1.00 बजे फलिये का पहाडिया अपने हाथ में लकड़ी का डेंगा लेकर आया व बोला कि तू डाकनी है। यह कहकर डेगे से चेहरे पर मारा जिससे लीलाबाई मर गई है। पहाडियों का छोटा लडका कुराब की मौत हो गयी थी। तभी से पहाडिया मेरी माँ लीलाबाई पर डाकनी की शंका करता था। इसी डाकनी की शंका को लेकर पहाडिया ने लीलाबाई को लकड़ी से मारपीट कर सिर में चौट पहुंचाकर हत्या कर दी । बाद घटना की बात मानसिंह पिता नजरु, बहन खुरजा पति के कडिया भील निवासी बीलघाटा, केरमा पिता भील निवासी पुनियावाट को बताई व साथ लेकर रिपोर्ट करने थाना कट्ठीवाड़ा पहुंचा और रिपोर्ट की।

फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कर रही है। वहीं घटना का मुआयना वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया।

आजादी के सात दशक बाद भी हम अंधविश्वास की गर्त से बाहर नहीं निकल पाए

चिंताजनक है कि आजादी के सात दशक बाद भी हमारा समाज अंधविश्वास के गर्त से बाहर नहीं निकल पाए हैं। आए दिन अंधविश्वास के नाम पर घटित होने वाली प्रताड़ना व मारपीट की घटनाएं हमारे देश के खोखले विकास की पोल खोलकर रख देती है। ये अजीब कशमकश है जिसमें हमारा समाज और देश पीसता जा रहा है। सोचने की बात तो यह है कि समय के साथ विज्ञान के विकास के बाद अंधविश्वास का अंत होना चाहिए था, वो अब तक नहीं हो सका है। दुःख इस बात का है कि आधुनिक व शिक्षित पीढ़ी भी इसका अंधानुकरण करती जा रही है।

नवागत पुलिस कप्तान ने क्या कहा

अलीराजपुर नवागत पुलिस कप्तान राजेश व्यास से जब कट्ठीवाड़ा में उक्त संवाददाता ने जिले में तेजी से पैर पसार रही डायन प्रथा अंधविश्वास के बारे में अवगत कराया तो पुलिस कप्तान राजेश व्यास द्वारा इस कु-प्रथा से निपटने और जागरूकता के लिए शिविर के माध्यम से जागरूक करने की बात कही।

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- +918962423252

संगीतमय हनुमान चालीसा पाठन प्रतियोगिता संपन्न     |     मूक बधिर छात्रावास कुंड हेतु छात्रावास अधीक्षक के रूप में शीला बर्फा नियुक्त, कलेक्टर डाॅ. अभय अरविंद बेडेकर से सौजन्य भेंट की     |     जंगली जानवर के हमले से 50 वर्षीय अधेड़ घायल,गम्भीर अवस्था मे जिला चिकित्सालय रेफर।     |         |         |     डीजे संचालको की थाना प्रभारी ने ली मीटिंग बैठक, दिए अहम निर्देश     |     जन आक्रोश यात्रा के सफल आयोजन को लेकर विधायक पटेल ने विधानसभा क्षेत्र के लोगो का माना आभार*     |     हाट बाजार करने गयी नाबालिग लड़की के साथ हुआ बलात्कार, परिजनों के साथ थाने पहुँचकर F I R दर्ज कराई     |     23 सितंबर से होगीं सालाना जल्से की शुरुआत,ईद मिलादुन्नबी के मौके पर होंगे सात रोज धार्मिक कार्यक्रम     |     आपकी अदालत मे तिखे सवालों पर, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक जवाबों ने श्रोताओ को गुदगुदाया, क्षत्रिय युवा मंच का आयोजन     |