पहले शिक्षकों के स्वतत्वों का भुगतान करें, फिर ई अटेंडेंस एप पर उपस्थिति की बात करें ,शिक्षा विभाग वाघेला
✍️जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा 1जुलाई से शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य की जा रही है ,जिसे लेकर शिक्षकों में पूरे मध्य प्रदेश में विरोध देखने को मिल रहा है ,एनएमओपीएस के प्रदेश सचिव एवं प्रांतीय शिक्षक संघ के राजेश आर वाघेला का कहना है अलीराजपुर जिले में शिक्षकों की समस्या का अंबार सा लगा है लंबे समय से शिक्षकों के स्वतत्वों क्रमोन्नती वेतनमान का निर्धारण, कर्मोंन्नती वेतनमान का एरियर, डीए एरियर,सहित अन्य एरियर बाकी है ,पहले विभाग इनके भुगतान की बात करें, फिर ई अटेंडेंस एप सेउपस्थिति की बात करें, भूखे पेट भजन ना हो गोपाला का तर्क देते हुए वाघेला ने कहा जिले के शिक्षक लंबे समय से अपने स्वतत्वों के भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं ,एवं खंडशिक्षा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं,किंतु खण्ड शिक्षा कार्यालय के अधिकारी ओर बाबुओं पर जु तक नही रेग रही है lसमस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है जब भी कार्यालय जाते हैं ,आश्वासन देकर भेज दिया जाता हैl ऐसी स्थिति में पहले शिक्षकों की समस्याओं का निदान करें उसके पश्चात सार्थक के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति की बात करें ,उन्होंने यह भी कहा है कि ई अटेंडेंस एप से उपस्थिति दर्ज करने केआदेश देना कर्मचारी की ईमानदारी पर सवालिया निशान खड़ा करना होगा, यदि ई अटेंडेंस से किसी कर्मचारी के कार्य पर निगरानी रखी जा सकती है एवं उसकी ईमानदारी पता चलता है तो क्यों नहीं इसे सभी विभागों में लागू किया जावे एवं शिक्षकों की मॉनिटरिंग मे कार्यरत अमला सीएससी,बी ए सी, बी आर सी, बी ई ओ, ए पी सी, आदी पदों को समाप्त कर मोबाइल के माध्यम से ही मॉनिटरिंग की जावे , इससे सरकार का पैसा भी बचेगा और इसमें लगे अमले को शिक्षण कार्य में भी लगाया जा सकता है, वर्तमान में शिक्षकों के मोबाइल पर राज्य शिक्षा केंद्र के नाम पर अनेक फर्जी कॉल आ रहा है ,जिसका अनेक शिक्षक शिकार भी हो रहे हैं ई अटेंडेंस एप से उपस्थित के नाम पर इन फर्जी कालों में वृद्धि भी हो सकती है, ऐसी स्थिति में ऑनलाइन उपस्थिति लागू करना शिक्षक हित मे हानिकारक भी हो सकता है , वाघेला ने कहा विभाग द्वारा निरंतर शिक्षकों की अनदेखी की जा रही है ,पहले शिक्षकों की वरिष्ठता को शून्य कर दिया गया ,ओपीएस योजना को बंद कर दिया गया, पहले 1 जुलाई से स्कूल प्रारंभ होते थे अब 1जून से शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है, कि धीरे-धीरे विभाग शिक्षकों के अधिकारों का हनन कर रहा हैं एवं उनके साथ अन्याय कर रहा है, सार्थक एप से उपस्थित देने मे कठिनाई इसलिए भी है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है, हर जगह नेट की उपलब्धता, लाईट की उपलब्धता, एवं आवागमन के साधन की कमी, नदी, नाले खेत मे पानी भराव की स्थिति,इन सब समस्याओं के चलते यदि निर्धारित समय पर शिक्षक के पहुंचने पर मोबाइल से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी या नही होगी इसकी क्या गारंटी है,एवं टेक्निकल कारण से उपस्थिति दर्ज नहीं होती है इससे शिक्षक काअहित होता है तो उसका जिम्मेदार कौन, शिक्षक संघठनो का कहना है ,हम ई अटेंडेंस एप से तभी उपस्थित देंगे , जब विभाग शिक्षकों के समस्त स्वतत्वों का भुगतान करे एवं टेक्निकल कारण से ऑनलाइन उपस्थिति नहीं लगने पर उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा कर उसका समाधान बताया बतावें l

