अलीराजपुर दिनांक: पुलिस कंट्रोल रूम, अलीराजपुर में पुलिस अधीक्षक श्री राजेश व्यास द्वारा जिले में सक्रिय माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के जिला स्तरीय प्रबंधकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित ऋण गतिविधियों की निगरानी, पारदर्शिता, सुरक्षा तथा विधिसम्मत संचालन पर गंभीर चर्चा की गई।
बैठक का उद्देश्य-जिले में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि ये संस्थाएं भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करें, और साथ ही इनके कर्मचारियों की गतिविधियां ग्रामीणजनों के हित में, तथा कानून व्यवस्था के अनुरूप हों। बैठक का उद्देश्य जनता एवं माइक्रो फाइनेंस कंपनियों दोनों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा।
प्रमुख निर्देश एवं बिंदु जो बैठक में दिए गए:
1. RBI गाइडलाइनों का पालन:माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को निर्देशित किया गया कि वे ऋण देने, वसूली, ब्याज दर तय करने एवं वसूली प्रक्रिया में पूर्णतः भारतीय रिज़र्व बैंक की गाइडलाइन का पालन करें। किसी भी प्रकार की मनमानी या दबावपूर्वक वसूली की शिकायत मिलने पर कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
2. ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से पूर्व थाना को सूचना:यह स्पष्ट निर्देश दिया गया कि कंपनी के कोई भी कर्मचारी जब ग्रामीण क्षेत्र में कार्य हेतु जाएं, तो पूर्व में संबंधित थाना प्रभारी को सूचना देना अनिवार्य होगा।
➤ इसका उद्देश्य यह है कि अगर कार्य क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना या असामाजिक तत्वों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किया जाता है, तो पुलिस समय रहते आवश्यक सहायता प्रदान कर सके एवं कर्मचारी सुरक्षित रह सकें।
3. कंपनी के समस्त कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन:कंपनियों द्वारा नियुक्त समस्त फील्ड स्टाफ, एजेंट्स एवं ऋण वसूली में लगे कर्मचारियों का थाना स्तर पर चरित्र सत्यापन (Police Verification) अनिवार्य रूप से कराया जाए।
➤ इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की आड़ में जनता को भ्रमित या धमका न सकें।
4. कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों की सूची देना अनिवार्य:प्रत्येक माइक्रो फाइनेंस कंपनी को अपने कार्यरत फील्ड स्टाफ के नाम, पद, कार्य क्षेत्र एवं मोबाइल नंबर की सूची थाना स्तर पर उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। यह सूची अद्यतन (Updated) होनी चाहिए जिससे पुलिस को हर कर्मचारी की जानकारी सुलभ हो।
5. जनता के साथ व्यवहार में संवेदनशीलता:पुलिस अधीक्षक श्री व्यास द्वारा यह भी सख्त निर्देश दिए गए कि कोई भी कर्मचारी ग्रामीणजन से अभद्रता, डराने-धमकाने, संपत्ति जब्त करने या सामाजिक अपमान जैसी किसी भी प्रकार की गतिविधि में संलिप्त न हो। ऐसी कोई शिकायत मिलने पर संबंधित कर्मचारी एवं कंपनी के विरुद्ध वित्तीय एवं आपराधिक धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
6. संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता:कुछ क्षेत्रों में पूर्व में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जैसे अत्यधिक ब्याज दर, बार-बार घर जाकर तगादा करना, महिलाओं के साथ कठोर व्यवहार इत्यादि। ऐसे क्षेत्रों में कार्य करने से पहले विशेष रूप से थाना को सूचित करना आवश्यक होगा।
बैठक के समापन पर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश व्यास ने सभी उपस्थित प्रबंधकों से अपील की कि –“जनहित में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता से कार्य करें। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की भूमिका ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण है, परंतु यदि यह भूमिका डर, दबाव या अव्यवस्था की ओर जाती है तो कानून अपना कार्य करेगा।”
इस बैठक में जिले की समस्त माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के प्रबंधकों, समन्वयकों ने भाग लिया। सभी प्रतिनिधियों ने पुलिस को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक जिम्मेदार, पारदर्शी एवं नियमबद्ध बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।