फिस के नाम पर अभिभावकों को धमकाया जाता है फीस जमा ना होने पर बच्चों को घण्टो खड़ा रखकर किया जाता है पड़ताड़ित
नियमो को ताक मे रखकर निजी स्कूलो का हो रहा है संचालन, जिम्मेदार मोन बोले कोन
फिस के नाम पर अभिभावकों को धमकाया जाता है फीस जमा ना होने पर बच्चों को घण्टो खड़ा रखकर किया जाता है पड़ताड़ित
✍️जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर जिला प्रशासन की तमाम चेतावनी के बाद भी नगर सहित जिले के विभिन्न इलाकों में निजी विद्यालय नियम व कानून को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं। कई स्कूल बेसमेंट और टिन शेड में संचालित हैं तो कई स्कूले दो कमरे अथवा रहवासी मकानो मे..!! इन विद्यालयों में अप्रशिक्षित शिक्षक काम कर रहे हैं इन्हें बंद कराने अथवा सुधार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाति है। गत वर्ष विभाग की तरफ से कई गैर मापदंड और नियम विरुद्ध संचालित स्कूलों को नोटीस जारी किये गए थे। जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की सुस्त कार्यप्रणाली और स्कूल संचालकों से मिलीभगत के चलते कई विद्यालय जो कि नियम विरुद्ध संचालित है उन सभी को सही बताकर फिर से चलाने की छूट दे दी गई आखिर गुणवत्ता विहीन स्कूलो पर कब कार्यवाही होगी या फिर ऐसे ही चलता रहेगा। कई विद्यालय ऐसे है जिनकी निष्पक्ष जांच हो तो आधे से ज्यादा विद्यालय ऐसे मिल जाएंगे जिनकी मान्यता तत्काल समाप्त की जानी चाहिए लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारि और जिम्मेदार इस और ध्यान ही नही देना चाहते आखिर क्या है कारण कोन दे रहा है स्कूलों को बगैर मापदंड के संचालन करने की छूट, पूछता है अलीराजपुर..!!
शिक्षण सत्र का 10वां माह चल रहा है, लेकिन अभी तक जिले में संचालित हो रहे गैर मापदंड संचालित विद्यालयों पर शिकंजा कसा नहीं जा सका है। विद्यालय संचालकों द्वारा गुणवत्ता परक शिक्षा के नाम पर भारी भरकम फीस भी वसूली जा रही है। लेट फीस के चलते स्कूल प्राचार्य द्वारा बच्चों को खड़ा रखने की शिकायत विगत दिनों एक अभिभावक द्वारा जनसुनवाई में की गई थी हाल यह है कि इन विद्यालयों मेें अप्रशिक्षित शिक्षक ही कार्यरत हैं। कई विद्यालयों का भवन मानक के अनुरूप नहीं है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा सब कुछ सही बताया जा रहा है यही कारण है की जिला शिक्षा के क्षेत्र मे निचले पायदान पर है कई स्कूलो द्वारा अपनी स्कूल की किताबे ,ड्रेस, कमीशन के चक्कर मे निर्धारित दुकानो से ही लेने का दबाव बनाया जाता है।
फिस के नाम पर धमकाने लगे स्कूल संचालक
ऐसा नही की पेरेंट्स फिस नही भरते कभी कभी समय हो जाता है फिस भरने मे लेट होने पर स्कूल मेनेजमेंट द्वारा पेरेंट्स व बच्चो को धमकाया जाता है की स्कूल की दुसरी तीसरी किस्त जमा नही की तो एडमिट कार्ड नही दिया जाऐगा परीक्षा मे नही बिठाया जाऐगा ऐसे मे कही स्कूल मे तो बच्चो को बाहर घंटो खडा करके पनिशमेंट दी जाती है तो कई स्कूल मे बच्चो को स्कूल से घर भेज दिया जाता है जिससे बच्चे अपमानित होते है और स्कूल जाने मे डरते है जबकी यदि फिस बाकी है तो स्कूल को चाहिए की डेली डायरी मे पेरेंट्स को लिखित मे जानकारी दे ना की बच्चो पर प्रेशर बनाऐ स्कूल ग्रुप मे साफ मेसेज किए गये है की बगैर फिस परिक्षा मे नही बैठाया जाऐगा।
हम यहा ऐसे ग्रुप के मेसेज के स्किन सोट दिखा रहे है कलेक्टर महोदया ऐसे स्कूलो पर अंकुश लगाऐ जिले मे पहले ही शिक्षा विभाग मे भष्टाचार चरम पर है आप से काफी उम्मीदे है।
कागज में तो चेकिंग अभियान चल रहा है, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही है।



