बीएनएस के अंतर्गत अलीराजपुर में पहली सजा मात्र 135 दिनों में दोषसिद्धि
हत्या के आरोपी चंदरिया को आजीवन कारावास,अनुसंधान अधिकारी की प्रभावी विवेचना से हुआ त्वरित न्याय
✍️जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर दिनांक – 08 जुलाई 2025पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर श्री राजेश व्यास ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय द्वितीय, अलीराजपुर ने 08 जुलाई 2025 को एक निर्णय में ग्राम घोघलपुर, थाना सोण्डवा के निवासी आरोपी चंदरिया पिता वेसला (उम्र 29 वर्ष) को हत्या के प्रकरण मे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह प्रकरण अलीराजपुर ज़िले में BNS के अंतर्गत पहली दोषसिद्धि है, और महत्वपूर्ण बात यह है कि घटना दिनांक से मात्र 135 दिवस में न्यायिक निर्णय पारित हुआ तथा माननीय न्यायालय मे उक्त प्रकरण का पुलिस द्वारा दिनांक 20 मई 2025 को चालान प्रस्तुत किया गया था व प्रकरण का विचारण दिनांक 20 जून से प्रारंभ हुआ था।
घटना का सारांश: हत्या का मुख्य कारण यह था, कि ग्राम घोघलपुर के मृतक धुलसिंह ने घटना के आरोपी चंदरिया के भाई भूरसिंह की घटना के कुछ समय पूर्व ही तीर मारकर हत्या कर दी थी, उक्त घटना के तात्कालिक कारण व आवेश में आकर आरोपी चंदरिया पिता वेस्ता ने भी दिनांक 27 जनवरी 2025 को ने अपने चचेरे भाई धुलसिंह के साथ क्रूरतापूर्वक फालिया, पत्थर व तीर से मारपीट करते हुए गंभीर चोटें पहुंचाकर हत्या कर दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नि की सूचना पर थाना सोण्डवा में अपराध क्रमांक 28/28.01.2025, धारा 103(1) बीएनएस का दर्ज कर अनुसंधान मे लिया गया तथा सोण्डवा पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये घटने के आरोपी को गिरफतार कर, उसके द्वारा हत्या मे प्रयुक्त हथियार जप्त किये गये।
अनुसंधान अधिकारी की उत्कृष्ट विवेचना: इस पूरे प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी सोण्डवा निरीक्षक श्री गोपाल परमार एवं तत्का0 चौकी प्रभारी उमराली उनि शिवा तोमर के द्वारा की गई, जिनकी तत्परता, तथ्यात्मक साक्ष्य संकलन, तकनीकी दस्तावेज़ीकरण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने इस केस को दोष सिद्धि की ओर निर्णायक रूप से अग्रसर किया।
प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी के द्वारा की गई प्रमुख त्वरित कार्यवाहियाँ निम्नानुसार थीं:
घटनास्थल का सघन निरीक्षण कर साक्ष्य संकलित किए
हत्या के हथियार (फालिया, पत्थर व तीर आदि) की जब्ती और परीक्षण कराया
पीड़ित के शरीर पर मिली चोटों का मेडिकल परीक्षण और डॉक्टरी रिपोर्ट को अभियोजन में निर्णायक रूप से शामिल किया
ग्रामवासियों, परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों के सटीक बयान दर्ज किए
घटना की पुष्टि हेतु घटनास्थल का क्रॉनोलॉजिकल पुनर्निर्माण (Reconstruction) किया गया न केवल मौखिक बल्कि दृश्य और भौतिक साक्ष्य (Forensic + Physical Evidence) को अभियोजन पक्ष के लिए मजबूती से प्रस्तुत किया
चिकित्सकीय परीक्षण, विजुअल डेमॉन्स्ट्रेशन, फोटो डॉक्युमेंटेशन, एफएसएल रिपोर्ट, और पंचनामा जैसे सभी कानूनी औजारों का विधिवत उपयोग कर विवेचना को प्रमाणिक बनाया गया।
पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर श्री राजेश व्यास ने बताया कि प्रकरण मे फरियादी सहित अन्य साक्षियों के पक्षविरोधी होनें के बावजूद भी परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की क्षृंखला तथा पुलिस की उत्कृष्ट अनुसंधान के कारण ही माननीय न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायालय द्वितीय, अलीराजपुर के द्वारा आरोपी चंदरिया को धारा 103(1) BNS के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई है।