जिले में संचालित स्वयं सहायता समूह सान्झा चुल्हा संभ्बधित भारतीय मजदुर संघ पिछले 15 वर्ष से अधिक समय से सांझा चुल्हा योजना के अन्तर्गत कार्यरत स्वयं सहायता समूह को हटा कर मध्यप्रदेश सरकार ने पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में नवाचार व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के परिणाम स्वरूप प्रदेश में लाखों स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाए बेरोजगार हो जायेगी। स्वयं सहायता समूह ने विपरित परिस्थितियों में भी आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया है इस बवाजुद भी इन समूह का हटाना एक हिटलरी आदेश संबंध में प्रतित होता है। जिसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
प्राप्त 10/7/24 प्रशासन ने एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत अब समूह से खाना ना बनवाकर आंगनवाडी केन्द्र पर सहायिका के द्वारा ही खाना बनवाया जायेगा। इस आदेश के खिलाफ स्वयं सहायता समूह पुरे प्रदेश में आंदोलन की तैयारी कर रहे है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जहाँ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को “लखपति दीदी बनाने का सपना देख रहे है। वही मुख्यमंत्री का यह फैसला महिलाओं को बेरोजगारकरने की दिशा में एक बडा कदम साबित हो सकता है इस फैसले से नाराज समूहों ने आगामी दिनों में पुरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने का मन बना लिया है।
यह रही मांगे :-
1 . पायलेट प्रोजेक्ट को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
2. हर माह की 5 तारीख तक खाद्यान व राशि उपलब्ध किराया जावें।
3. प्रत्येक आंगनवाडी केन्द्र एक रसोईया होना चाहिए जिसका मानदेय कम से कम 2000/- रूपये होना चाहिए।
4. अध्यक्ष / सचिव को समूह संचालन के लिए अलग से राशि दि जाना चाहिए।
5. सॉझा चूल्हा समूह को गैस टंकी की व्यवस्था की जाए।