अस्थायी एवं संविदा पर कार्यरत सफाई कर्मियों का टर्म इंसयोरेन्स कराया जाना चाहिए-तरुण मण्डलोई सामजसेवी
कलेक्टर से सभी दुकाने एवं हाट बाजार को खोले जाने की भी की मांग
कोरोना संक्रमण को लेकर अलीराजपुर के सामजसेवी और कांग्रेस नेता तरुण मण्डलोई ने कहा कि।आलीराजपुर जिला कोरोना संकट के दौरान जिस वीरता के साथ सरकारी संस्थाओं से जुड़े हुए फ्रंट लाइन वर्कर अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं वह सराहनीय है।साथ ही बात अगर हमारे अलीराजपुर जिले के सफाईकर्मियों की की जाए तो वो भी किसी देवदूत से कम नहीं है। ऐसे सभी सफाई कर्मियों का हौंसला तारीफ के काबिल है जो नगर को स्वच्छ रखने के साथ साथ अस्पतालो में अपनी सेवाएं दे रहे है और जरूरत पड़ने पर मुक्तिधाम पर दाह संस्कार में भी सहयोग कर रहे है कोरोना काल में भी देश में बहुत सारे सफाईकर्मी मौत के शिकार हुए हैं सरकार के अधीन स्थाई, अस्थाई एवं संविदा पर कार्यरत सफाईकर्मियों का टर्म इंश्योरेन्स कराया जाना चाहिए जिससे परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिले साथ ही सुरक्षा उपकरण भी मिलनी चाहिए।जो इस महामारी में भी सेवा दे रहे है हमारा भी दायित्व बनता ही के ऐसे लोगो के समर्थन में आए और सरकार प्रशासन से आशा की जाए जिससे इनके परिवारों को प्रोत्साहन मिले
कलेक्टर के आदेश से अचंभित हु
वही सामजसेवी एवं कांग्रेस नेता तरुण मण्डलोई ने बताया कि।कलेक्टर महोदया के आदेश से दुकानदार एवं व्यपारियो को थोड़ी राहत तो मिली है मगर कई गरीब लोग आज भी अपनी रोजीरोटी को परेशान है।मण्डलोई ने आगे बताया कि। कलेक्टर महोदया को उन छोटे लोगों का भी ख्याल रखना चाहिए जो अब भी अपनी दुकानें खोलने को लेकर जद्दोजहद में है।
और अपनी बारी का इंतेज़ार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि हाट बाजार सेलून की दुकान, चाय वाले, पान वाले, रेस्टोरेंट ओर आदि ऐसे कई छोटे दुकानदार है जिन्हें छूट दी जानी चाहिए।मुझे आश्चर्य हो रहा है कि इन लोगों को आदेश से वंचित क्यों रखा गया है।में पूछना चाहता हु प्रशासन से। कि जिन लोगों को छूट दी गई है उससे मुझे कोई शिकायत नहीं है।मगर प्रशासन द्वारा जिन छोटे दुकानदारों को छूट नही दी गई है कृपया उन लोगो के हित को भी समझने की आवश्यकता है। उन लोगों को भी दुकाने खोलने की स्वीकृति मिलनी चाहिए।साथ ही प्रशासन को ऐसे छोटे व्यपारियों के हित को सार्थक करने की आवश्यकता है।
वही मण्डलोई ने बताया कि हमारा अलीराजपुर जिला आदिवासी बहुल इलाका है।और ज्यादातर हमारे गरीब तबके के आदिवासी भाई और बहने हाट बाजार में लगने वाली दुकानों से ही खरीदी करते हैं।इससे उन लोगों को शहर में आने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। जिससे उन लोगों का शहर में आने जाने में जो वक्त लगता है।उसकी बचत होती है। वही वक्त की बचत के कारण घर और खेतीबाड़ी में काम करने में भी आसानी होती है।में आदरणीय कलेक्टर महोदया से मांग करता हु कि।हाट बाजार और बाकी अन्य दुकानों को भी छूट प्रदान की जाए।ताकि उन लोगों का भी रोजगार चल सके और उनके परिवार का भी भरन पोषन कर सके।