जुबेर निजामी की रिपोर्ट ✍🏻
अलीराजपुर जिले के ग्राम रोडधा के युवा आदिवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर सरपंच निरंजनसिंह पटेल अपनी आदिवासी संस्कृति संरक्षण,युवा शिक्षा एवम ग्रामीण क्षेत्र में योग ध्यान द्वारा तनाव मुक्त जीवन के लिए शिविर आदि कई समाजसेवी कार्य कर रहे हैं । इसी 3 दिवसीय इंदौर दौरे पर आए आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक आध्यात्मिक मानवतावादी धर्म गुरु श्री श्री रविशंकर महाराज को अपनी आदिवासी सभ्यता के महत्वपूर्ण और परंपरागत वेशभूषा , तीर धनुष एवं प्रतीकात्मक पिथौरा चित्रकला भेंट किए ।
श्री श्री रविशंकर जी विश्वभर में शान्ति, प्रेम और मानवता का सन्देश देश विदेश में पहुंचा रहे है। पिथौरा चित्रकला एवं गमछा आलिराजपुर के स्थानीय आदिवासी कलाकार आर्टो ब्रदर्स (ARTO BROTHERS)द्वारा तैयार किए गए थे , निरंजन पटेल ने गुरु जी महाराज को पिथौरा चित्रकला की धार्मिक एवं सामाजिक महत्व के बारे में बताया साथ ही उन्होंने बताया कि किस प्रकार पिथोरा चित्रकला आदिवासी सभ्यता में आज भी उन्ही पूर्ण अनुष्ठान के साथ बनाई जाती है जैसे कि सदियों पहले बनाई जाती थी ।
आदिवासी समाज के लोग अपने परिवार खेत खलियान एवं मुख्यतः पशुधन की सुख समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए पिथौरा के रूप में मन्नत धारण करते थे ।
दैनिक जीवन का चित्रण करने वाली इस प्राचीन पिथोरा चित्रकला ने भले ही कुछ आधुनिक रूप अपना लिया हो परंतु इसके अनुष्ठान एवं इस पर लोगों की आस्था में आज भी कोई अंतर नहीं आया है ।
इस कार्यक्रम में अलीराजपुर से आर्ट ऑफ लिविंग टीम के जनपद सदस्य जगदीश पटेल, उपसरपंच रिलेश चौहान, डॉ प्रताप बघेल, कादुसिंह डुडवे, जितेन्द्र चौहान,लक्ष्मण सस्तिया, जितेन्द्र चौहान, प्रदीप चौहान, ऋतुराज पटेल भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने