जनसाहस संस्था के स्कूल प्रिवेंशन कार्यक्रम अंर्तगत जनसाहस एंव शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से लैंगिक हिंसा रोकथाम, चिन्हीकरण, प्रतिक्रिया तंत्र एवं मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर आयोजित किया गया एक दिवसीय शिक्षकों का प्रशिक्षण
अलीराजपुर/सोंडवा:- उक्त प्रशिक्षण का आयोजन सोंडवा ब्लॉक के शा. उत्कृष्ट उ. मा. वि. सोंडवा में किया गया। जिसमें जिले से शिक्षा विभाग से एडीपीसी एंव ब्लॉक के बी. आर. सी., संकुल प्राचार्य, बी.ए.सी. जनशिक्षक एंव 79 स्कूलों के शिक्षकों द्वारा भागीदारी की गई। संस्था से श्री विष्णु मालवीय द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि संस्था द्वारा अलीराजपुर जिलें के 75 ग्रामों में स्कूल से ड्रापआउट चिल्ड्रन को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडने, पलायन में जा रहें श्रमिकों के सुरक्षित पलायन को सुनिश्चित कर उन्हें शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने एंव बालकों के विरुद्व होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए स्कूल प्रिवेंशन कार्यक्रम अंर्तगत कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम मे मुख्यातिथि के रुप में पधारें श्री रामानुज शर्मा, एडीपीसी शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिभागियों की जाति, रंग, स्थान एंव लिंग इत्यादि के आधार पर होने वालें भेदभाव एंव लैगिंक हिंसा के विषय पर प्रकाश डालकर समझ बढाई गई। एंव संस्था की स्कूल प्रिवेंशन कार्यक्रम पहल की सराहना की गई। जनसाहस की और से रिर्सोस पर्सन सु श्री मुमुक्क्षा जोशी द्वारा प्रतिभागियों कों लैंगिक अपराधों से बालकों के सरंक्षण अधिनियम 2012 के मुख्य प्रावधानों,
उक्त कानुन एंव वर्ष 2021 में शिक्षा मंत्रालय एंव राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग द्वारा जारी की गई स्कूल सेफ्टी एंव सेक्युरिटी गाईडलाईन में शिक्षकों एंव स्कूल प्रशासन की भुमिका के बारें मे विस्तृत रुप से जानकारी प्रदान की गई। श्री आकाश अग्रवाल द्वारा प्रतिभागियों को हिंसा की वजह से होने वाली मानसिक समस्याओं जैसे कि डिप्रेशन, एन्जाएंटी, ए.डी.एच. डी., पी.टी.एच.टी. मानसिक विकार एंव मानसिक व्यवहार पर जानकारी प्रदान कर प्रतिभागियों को लैगिंक हिंसा से शिकार बच्चें के चिन्हिकरण के कौशल सिखाए गए। कार्यक्रम का संचालन श्री मो. तफजुल चंदेरी एंव आभार श्री संजय चौहान द्वारा किया गया। कार्यक्रम कों सफल बनानें मे श्री सरदार चौहान, बी. आर. सी सोंडवा, श्री गिरधारीलाल राठौर संकुल प्राचार्य, जनसाहस से श्री करण राठौर, श्रीमति अनिता डोडवा, श्रीमति शर्मिला रावत, श्री दुर्गेश डावर, सुश्री ममता वसुनिया एंव सुश्री प्रदन्या भंसोडे, का विशेष योगदान रहा।