जयस संगठन ने छत्तीसगढ़ हसदेव जंगल एवं जमीन बचाने के लिए सौंपा ज्ञापन।
जयस संगठन ने छत्तीसगढ़ हसदेव जंगल एवं जमीन बचाने के लिए सौंपा ज्ञापन।
खदान के लिए काटे जा रहे जंगल पर तत्काल रोक लगाने की मांग की
जुबेर निजामी की रिपोर्ट
अलीराजपुर:-छतीसगढ़ के हसदेव क्षेत्र में आदिवासियों के विस्थापन,पेड़-पौधे काटने से रोकने एवं भारत देश के आदिवासियों को विकास के नाम से, राष्ट्र के नाम से, फैक्ट्री के नाम से, अभ्यारण के नाम से, राष्ट्रीय पार्क के नाम से, रोड बनाने के नाम से,बांध बनाने के नाम से, पर्यावरण संरक्षण के नाम से, टाइगर प्रोजेक्ट के नाम से, भारतमाला परियोजना के नाम से, बिजली उत्पादन, खनिज उत्पादन, नक्सलवाद के नाम से तथा धर्म के नाम से आदिवासियों को उजड़ा जा रहा है। जंगलों को कांटा जा रहा है।जल जंगल जमीन से विस्थापन रोकना भारत देश के आदिवासियों को भारतीय संविधान में सुरक्षा हेतु अनुच्छेद 244(1), 244(2) विशिष्ट प्रावधान करके सुरक्षा संरक्षण परीरक्षण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए प्रावधान किए जाने के बाद भी आदिवासियों को विषयांकित नामों से बेदखल, विस्थापन तथा भारत सरकार व राज्य सरकारों की सुरक्षा फोर्स से गोलियों द्वारा आदिवासियों को डराया ओर मारा जा रहा है। जो की बहुत ही गंभीर विषय है। जिसके सम्बंध में
जय आदिवासी युवा शक्ति अलीराजपुर ने अरविंद कनेश एवं सामाजिक कार्यकर्ता मालसिंह तोमर के नेतृत्व में जिले के नानपुर, चांदपुर, सोण्डवा एवं एवं सोरवा में ज्ञापन दिया गया है।छतीसगढ़ के हस देव जंगल की कटाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम से ज्ञाप सौंप कर की गई हैं।इस अवसर पर विक्रम सिंह बामनिया, एसीएस अध्यक्ष विजय कनेश, देवा कनेश, सुनील सोलंकी, महेश चौहान
नानपुर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता प्रथ्वीराज मंडलोई, भीलसिंह बघेल, लालू चौहान, भुरू बघेल, वीरेन बघेल, सावन चौहान, तरुण सोलंकी तथा सोंडवा के सामाजिक कार्यकर्ता अनिल सोलंकी, देवीसिंह सोलंकी, भीलू भाई। तथा सोरवा के सामाजिक कार्यकर्ता अंकित किराड, मुकेश सोलंकी, शंकर हरवाल, लक्ष्मन जमरा, तथा चांदपुर बोकड़िया के विजय बामनिया, भुरू जमरा, करण चौंगड़, राकेश भिंडे, सचिन डावर, सोनू वास्कले, गौतम भिंडे, गुड्डू तोमर, पिंटू चौहान, प्रकाश बामनिया, रिकेन रंधा के साथ ही आदि सैकडो कार्यकर्ता शामिल हुए।