राजनैनिक एवं सामाजिक देशता के चलते आदिवासी कर्मचारियों के हुतबादले-जिकां अध्यक्ष महेष पटेल
कर्मचारी असहाय ना समझे कांग्रेस पार्टी उनके साथ खडी है
आलीराजपुर:- विगत दिनों जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं तथा जिला पंचायत अंतर्गत पंचायत सचिवों के जो प्रशासनिक स्थानांतरण किए गए है | यह भाजपा के दबाव में सामाजिक एवं राजनैतिक द्वेषतापूर्वक के चलते किए गए है। आदिवासी समाज के हित में कार्य करने वाले कर्मचारियों का स्थानांतरण करके भाजपा नेताओं ने यह साबित कर दिया है कि वह आदिवासी समाज की हितेषी नही होकर खुली विरोधी है। जिला कांग्रेस कमेटी इसकी घोर निंदा ओर कडा विरोध करती है। जिला कांग्रेस स्थानांतरित किए गए कर्मचारियों की लडाई लडेगी तथा कोर्ट में इस मामले जाएंगी।
कर्मचारियो के हित मे जाएंगे कोर्ट
उक्त जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेष पटेल ने बताया कि आदिवासी विकास विभाग में हाल ही में करीब 400 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के स्वैचिक ओर प्रशासनिक थोकबंद तबादले किए गए है। जिले मे पहली बार इस प्रकार के थोकबंद तबादला देखने को मिला है। जिसमें भाजपा नेताओ ने कर्मचारियों के साथ राजनैनिक एवं सामाजिक देषता निकाली है। आदिवासी संगठन से जुडे सामाजिक कार्यकर्ता अनेक आदिवासी शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं पंचायत सचिवों को टारगेट बनाकर उनका अन्य ब्लाको में सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरण कर दिया है। इस स्थानांतरण से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पडेगा। जबकि जारी सुची मे कई कतिपय संगठन से जुडे कर्मचारियो का तबादला नही हुआ है। यह भाजपा सरकार एवं नेताओ की मानसिकता के चलते आदिवासी संगठन से जुडे कर्मचारियो को निषाना बनाया गया। स्वैच्छिक स्थानांतरण के नाम पर भी कर्मचारियों से भारी लूटखसोट की गई है।
कई स्कुले शिक्षक विहिन हो जायेंगे
श्री पटेल ने बताया कि कोरोना काल में इस प्रकार थोकबंद ट्रांसफर किया जाना नियम के विरूद्ध है। कारोना काल में वैसे ही कर्मचारी काफी परेशान है अब बेवजह ट्रांसफर कर उन्हें और परेशान किया जा रहा है, जो कि न्यायोचित नही है। जारी तबादलो से कई ग्रामिण क्षैत्रो की स्कुले षिक्षक विहिन हो जाएंगी, जिसका असर छात्रो के अध्ययन पर भी पडेंगा।
वहि कई महिला षिक्षकाओं के सूदूर ग्रामीण अंचलो मे तबादला कर दिया है, जहां आवागमन का कोई साधन नही है, इन शिक्षिकाओं को आने-जाने मे बहुत परेषानी का सामना उठाना पडेगा। आदिवासी समाज के हित में कार्य करने वाले कर्मचारियों का स्थानांतरण करके भाजपा नेताओं ने यह साबित कर दिया है कि वह आदिवासी समाज की हितेषी नही होकर खुली विरोधी है। श्री पटेल ने कहा कि स्थानांतरित किए गए कर्मचारी अपने आप को असहाय ओर कमजोर महसूस ना करे, कांग्रेस संगठन उनके साथ खडा है ओर सभी कर्मचारी एकजुटता के साथ इस स्थानांतरण के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। जिला प्रशासन ने भी आंख मूंद कर बडे गोपनीय तरीके से यह सूची जारी कर दी यह भी जांच का विषय है। जिला प्रशासन ने यदि यह सूचि निरस्त नही की तो जिला कांग्रेस इस मामले लेकर कर्मचारियों के साथ आंदोलन भी करेगी।