नवीन शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में “दैनिक जीवन में जल संरक्षण व जल स्रोतों की स्वच्छता” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
आज दिनांक 14/02/2022 को नवीन शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 1341/872/ आउशि/ शा – 1/2021, दिनांक 29/11/2021 के निर्देशानुसार विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में जल सरंक्षण का महत्व बताने तथा जल स्रोतों को साफ रखने हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त संगोष्ठी में मुख्य वक्ता महाविद्यालय की प्राणी शास्त्र विषय की सहायक प्राध्यापक प्रो. तबस्सुम कुरैशी ने अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि धरती के 71 प्रतिशत भाग पर पानी हैं, जिसमें से पीने योग्य पानी सिर्फ 1 प्रतिशत हैं। पानी की कमी न सिर्फ स्थानीय क्षेत्र बल्कि पूरे देश व दुनिया के कई भागों की समस्या है। सोंडवा क्षेत्र में भी लोगों को पानी दूर-दूर से लाना पड़ता हैं, विशेषकर महिलाओं का बहुत समय व मेहनत इस काम में लगती हैं। पानी की कमी से फसलों के उत्पादन में भी कमी होती हैं। देश के कई राज्यों में भू-जल स्तर बहुत नीचे पहुंच गया हैं, इसे बढ़ाने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना चाहिए। अपने दैनिक जीवन में पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए तथा जल संरक्षण को लेकर विद्यार्थी खुद भी जागरूक हो और दूसरों को भी जागरूक करे।
उन्होंने विद्यार्थियों को अपने आस-पास के जल स्रोतों जैसे-नदियों, कुओं आदि को साफ रखने के लिए भी प्रेरित किया। उक्त संगोष्ठी में प्रो. राजेश बारिया ने झाबुआ जिले के राणापुर के जल संकट का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘जल ही जीवन है’ उक्ति के महत्त्व को समझकर जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। डॉ. मुकेश अजनार ने कहा कि जल संरक्षण सभी के जीवन से जुड़ा बहुत महत्तवपूर्ण विषय है अतः विद्यार्थीगण उक्त संगोष्ठी में व्यक्त विचारों से लाभ लें और पानी बचाने को अपनी रोजमर्रा की आदत बनाए। उक्त संगोष्ठी में प्रो. सायसिंग अवास्या, प्रो. विशाल देवड़ा तथा विद्यार्थीगण उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम का संचालन प्रो. नीलम पाटीदार ने किया तथा अंत में आभार डॉ. मुकेश अजनार ने व्यक्त किया।