वाहनों की शोभा बने हूटर, मोटर व्हीकल एक्ट के उल्लघंन पर नही कार्यवाही
जुबेर निजामी की रिपोर्ट ✍🏻
चल रहा वीआईपी कल्चर, निजी वाहनों में भी बज रहे हूटर जाम में बजा देते हैं हूटर बुजुर्ग बच्चे मरीज को होती है परेशानी
यातायात पुलिस थाने के सामने से रोज गुजरते हूटर बजा कर वाहन
आलीराजपुर जिला मुख्यालय में इन दिनों शहर में वीआईपी कल्चर खूब देखने को मिल रहा है। निजी वाहनों में भी लोगों ने हूटर लगवाए हुए हैं। शहर में अधिकांश वाहन हूटर लगे हुए है। जाम में फंसने पर चालक हूटर बजा देते हैं, जिससे दोपहिया सवार बुजुर्ग, बच्चे व बीमार लोगों को परेशानी होती है। इतना ही नहीं, शाम होते ही युवा सड़कों पर हूटर बजाकर हुड़दंग मचाते हैं। लेकिन पुलिस का इस पर ध्यान नहीं है। कुछ वर्षो पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निजी वाहनों में हूटर नहीं लगवाने के संबंध में आदेश जारी किए थे। जिसका असर शुरूआत में खूब दिखा। पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर वाहनों से हूटर उतरवाए। चालकों के चालान भी किए गए। लेकिन, समय के साथ-साथ सब बेपटरी होने लगा। आज शहर की अधिकांश वाहनों में हूटर लगे मिल जाएंगे। खास बात है कि हूटर वाहन के किस हिस्से में लगा है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। चोर बटन के सहारे चालक इसे कंट्रोल करते हैं।
जाम से निकलने के लिए बजता है हूटर
शहर में आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में पहले निकलने की होड़ में वाहन चालक हूटर का इस्तेमाल करते हैं। जैसे ही वाहन जाम में फंसता है, चालक हूटर बजा देता है। जिससे जाम में फंसे अन्य चालकों को परेशानी होती है। हूटर से रात में भी मचता है। हुड़दंग हाईवे पर रात में युवा अपने वाहन से हूटर बजाकर जमकर हुडदंग मचाते हैं। रात के समय शहर के अधिकांश होटलों के बाहर यह सिलसिला चलता रहता है। केवल टशन दिखाने के मकसद से ही हूटरों का इस्मेताल किया जा रहा है।
कोन कर सकता इसका प्रयोग
हूटर, सायरन गाडिय़ों का प्रयोग हर कोई नहीं कर सकता। एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ी के अलावा कभी-कभी पुलिसकर्मी ही आकस्मिक हालत में हूटर का प्रयोग कर सकतें है।
यातायात पुलिस थाने के सामने से रोजाना पर्यवेट वाहन हूटर बजा कर निकलते है। जिसपर कोई कार्यवाही नही की जाती। आखिर ऐसा क्यों, या इनपर कोई नियम लागू नही होता। नही इन पर चलानी कार्यवाही होती। होती तो सिर्फ गरीब वर्ग के लोगों पर, वो भी हेलमेट के नाम पर जो रोज हाट बाजार कर दो वक्त की रोटी खाते। उन पर नही जो ac में घूम रहे। अब ये देखना की खबर प्रकाशित होने के बाद यातायात विभाग इन हूटर लगे वाहन पर क्या कार्यवाही करता। या गरीब लोगों के हेलमेट के नाम पर सीमित है।