कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये
27 अप्रैल सुबह 6 बजे तक कोरेना कर्फ्यू के मद्देनजर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
अलीराजपुर – कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने अलीराजपुर जिले में कोरोना संक्रमण (कोविड-19) की वर्तमान परिस्थिति को ष्टिगत रखते हुए लोक स्वास्थ्य एंव लोकहित में कोरोना वायरस एंव जनित बीमारी के संभावित खतरे की रोकथाम करने के उद्देश्य से तथा जन सामान्य के स्वास्थ की सुरक्षा एंव लोक शांति बनाये रखने हेतु सम्पूर्ण अलीराजपुर जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेष जारी किये गए है। उक्त आदेष 27 अप्रैल 2021 को सुबह 6 बजे तक लागू कोरोना कर्फ्यू के मद्देनजर जारी किया गया है। इस आदेष के तहत कोरोना कफर्यू में समस्त बाजार बंद रहेंगे एवं अति आवश्यक कार्यो को छोड़कर आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। सभी शासकीय एवं निजी कार्यालय, क्योस्क इत्यादि बंद रहेंगे।
जिले की सीमाओं से प्रवेश निषेध रहेगा
उक्त आदेष के तहत निम्नानुसार छूट का प्रावधान किया गया है। कोरोना महामारी के प्रबंधन, लोक शांति अथवा अन्य आपातकालीन व्यवस्थाओं हेतु नियुक्त अधिकारी-कर्मचारीगण, शासकीय अथवा निजी चिकित्सीय एवं संस्था एवं कार्यरत कर्मचारियो, अधिकारियों व अन्य अमला, पुलिस बल, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, विद्युत मण्डल, इंटरनेट, टेलीकॉम सर्विस प्रोवायडर, किसी भी तरह की एम्बुलैंस एंव फायर ब्रिगेड सेवाएं, आवश्यक वस्तु की घर पंहुच सेवा, होम डिलेवरी में लगे कर्मचारियों तथा रसोई गैस सिलेण्डर वितरण व्यवस्था, इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मिडिया, दवा दुकानें एवं चिकित्सालय, समस्त प्रकार के ईंधन, परिवहन के साधन एवं भण्डारण डिपो, टीकाकरण सत्रों का आयोजन शासन निर्देशानुसार जारी रहेगा।
परीक्षा केन्द्र आने एंव जाने वाले परिक्षार्थी तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजकों से जुड़े कर्मी, अधिकारीगण, माल ढोने वाले वाहनों का आवागमन एवं लोडिंग, अनलोडिंग वाहन, राशन दुकानें एवं उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी, ए.टी.एम, बैंक भवन आंतरिक कामकाज के लिए खुले रहेंगे। शासकीय निर्माण कार्य एवं नरेगा में लगे कर्मचारी एवं श्रमिकों आदि को दिषा निर्देषों का पालन करते हुए छूट का प्रावधान किया गया है। धारा 144 के तहत जारी उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
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