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देश एवं प्रदेश में आदिवासियों के प्रति बढ़ते कुकर्म एवं अमानवीय घटनाओं को देखे हुये विश्व आदिवासी दिवस पर काली पट्टी बांध कर निकालेंगे आक्रोश रैली

देश एवं प्रदेश में आदिवासियों के प्रति बढ़ते कुकर्म एवं अमानवीय घटनाओं को देखे हुये विश्व आदिवासी दिवस पर काली पट्टी बांध कर निकालेंगे आक्रोश रैली

जुबेर निजामी की रिपोर्ट 

अलीराजपुर म0प्र0:- विश्व आदिवासी दिवस को लेकर देश एवं प्रदेश के आदिवासी समाज में एक उत्साह का माहौल बना रहता है। जिसको लेकर आदिवासी समाज के बच्चें,युवाओं ,महिलाएं, किसान, मजदूर, कर्मचारी- अधिकारी आदि एक सप्ताह पूर्व ही तैयारी में लग जाते हैं।अपनी संस्कृति के अनुरूप ड्रेस,वाद्य यंत्रों को तैयार करते हैं।

 आदिवासी समाज जिला कोर कमेटी अलीराजपुर के सदस्य,आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) जिला अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता भंगुसिंह तोमर का कहना है कि आदिवासियों के मानव अधिकार को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने एक कार्य दल के UNWGIP united nation working group of indigenous population उप आयोग का गठन किया गया है। जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी,इसलिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस संयुक्त राष्ट संघ (UNO) द्वारा अपने कार्यालय में एवं अपने सदस्य देशों को मनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह महसूस किया कि 21वीं सदी में भी विश्व के विभिन्न देशों में निवास रत आदिवासी समाज अपनी उपेक्षा बेरोजगारी,भुखमरी एवं बंधुआ बाल मजदूरी जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं। 1993 में UNWGIP कार्यदल के 11वें अधिवेशन में आदिवासी घोषणा प्रारूप को मान्यता मिलने पर 1994 को आदिवासी वर्ष एवं 9 अगस्त को विश्वआदिवासी दिवस घोषित किया गया । 

कब मनाया गया प्रथम अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस

संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में 23 दिसम्बर 1994 को पारित प्रस्ताव क्रमांक /46/214 के तहत 9अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया।

आदिवासियों को हक़ अधिकार 

दिलाने ओर उनकी समस्याओं का निराकरण करने जैसे भाषा, बोली,रीति रिवाज एवं सांस्कृतिक इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के द्वारा 9 अगस्त 1994 को जिनेवा शहर में विश्व के आदिवासी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विश्व का प्रथम अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस आयोजित किया गया हैं। आदिवासीयों की भाषा, बोली, परम्परायें,वेश भूषा, वाद्य यंत्रों एवं संस्कृति तथा उनके हक अधिकारों के लिए सभी सदस्यों देशों ने एक मत होकर स्वीकार किया गया और उनके सभी हक अधिकार बरकरार रहे इस बात की पुष्टि कर दी गयी।संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा हम आपके साथ हैं ऐसा वचन आदिवासीयों को दिया गया। 9अगस्त 1995 से प्रतिवर्ष इस दिवस को विश्व भर में मनाया जा रहा है संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस वर्ष 29वां विश्व आदिवासी दिवस की थीम ” युवाओं का आत्मसंकल्प बेहतर कल के लिए सशक्त बनना” रखी गई है।

         संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने व्यापक चर्चा के बाद 21 दिसम्बर 1994 से 20 दिसंबर 2004 तक प्रथम आदिवासी दशक और प्रत्येक वर्ष के लिए 9 अगस्त को international day of words indigenous people (विश्व आदिवासी दिवस) मनाने का फैसला लिया गया,और विश्व के सभी देशों को मनाने के लिये निर्देशित किया गया ।

भारत में आदिवासीयों के साथ हुआ धोखा

     संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पिछले 29 वर्षो से निरन्तर विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा हैं। किन्तु भारत के मूलनिवासी आदिवासीयों को इसकी अभी भी व्यापक जानकारी नही है भारत की ब्रामणवादी सरकारों ने आदिवासियों के साथ धोखा करते हुए इस दिन के बारे में आज तक सरकारी तौर पर किसी को नही बताया गया,और ना ही आज तक विश्व आदिवासी दिवस को मनाये जाने के लिए प्रेरित किया गया है।

             जब की संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने पुनः16 दिसम्बर 2004 से 15 दिसंबर 2014 तक दूसरा आदिवासी दशक घोषित किया गया हैं। इसके बावजूद सरकार की और से अभी भी कोई पहल नही की गई है।आदिवासी समाज के लोग के द्वारा लम्बे समय से सरकार से विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश घोषित करने की मांग की जा रही है। लेकिन आज भी सरकार धोका ही दे रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की स्थापना

संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई, इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, तथा वर्तमान में 193 देश इसके सदस्य हैं।भारत संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) का 30 अक्टूबर 1945 से सदस्य देश हैं। 

सामाजिक कार्यकर्ता भंगुसिंह तोमर ने आह्वान किया है कि आओ दोस्त विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को आपस में ‘हैप्पी आदिवासी डे’ की हार्दिक शुभकामनाएं एक दूसरे को देते हुए आदिवासी संस्कृति के संरक्षण,हक – अधिकार को प्राप्त करने के लिए संघर्ष का शंखनाथ करें।

       ब्राह्मणवादी सरकारों की साज़िशें हैं कि देश के मूलमालिक आदिवासी संगठित ना हो, 9 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा वर्ड इंडिजिनियस डे मनाया जा रहा हैं indigeonius का मतलब होता हैं मूलनिवासी जो आदिकाल से निवास करने वाला मूल मालिक आदिवासी है परंतु भारत की ब्राह्मणवादी सरकार हमारे लोगों से ही भेदभाव या अनदेखा करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ को कहा गया हैं कि भारत मे आदिवासी है ही नही। जब की इस देश का मूल मालिक आदिवासी ही है । आदिवासी शब्द को मिठाने के लिए सरकारे वनवासी,जनजाति, अलगाववाद जैसे शब्दों का प्रयोग कर आदिवासी को बिखरने का षड्यंत्र कर रही हैं । 

कोन हैं भारत के असली मूलनिवासी

     विज्ञान के आकाट्य DNA TEST की रिपोर्ट टाइम ऑफ इंडिया में 21 मई 2001 में छपी जिसके अनुसार आदिवासी ही इस देश के मूलनिवासी से sc st obc और जो धर्म परिवर्तन कर अल्पसंख्यक बने हुए हैं। इनका DNA आदिवासियों का ही हैं अर्थात ये ही मूलनिवासी है। और ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य विदेशी यूरेशियन नस्ल के लोग हैं इसका मतलब है ये विदेशी हैं।

       इस वर्ष देश एवं प्रदेश में आदिवासियों के प्रति बढ़ते अफरात,कुकर्म एवं मणिपुर की अमानवीय घटनाओं को देखते हुए आदिवासी विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर आक्रोश रैली निकाल कर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जायेगा।

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- +918962423252

जल, जंगल एवं जमीन हमारी धरोहर है उसे बचाना हमारा फर्ज :-विधायक पटेल     |     अलीराजपुर गायत्री शक्तिपीठ पर हो रहा कन्या कौशल शिविर का आयोजन, खंडवा गायत्री परिवार की 15 – 15 वर्ष की चार कन्याएं शिविर में दे रही कन्याओं को प्रशिक्षण।     |     आंगनवाड़ी ग्रामीण भारत की जीवन रेखा के तहत लोक अधिकार मंच का ब्लॉक स्तरीय प्रमार्श एवम रिपोर्ट शेयरिंग कार्यक्रम आयोजित ।     |     ई डायरी का विरोध बोले फिल्ड कर्मचारियों को बंदिशों मे बांधकर एक ही दिन अलग अलग काम कैसे लेंगे अधिकारी,किसान भी होंगे परेशान।     |     दो बाइक की आमने-सामने जोरदार टक्कर:हादसे में एक महिला गंभीर रूप से घायल, जिला अस्पताल किया रेफर     |     असामाजिक तत्व पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से जिला पुलिस बल अलीराजपुर द्वारा “ऑपरेशन थर्डआई” प्रारंभ किया जा रहा है।     |     9अगस्त को चाँदपुर मे मालिक टंटया मामा भील की मूर्ति स्थापित कार्यक्रम को लेकर समिति गठित     |     या हसन या हुसैन के नारो ओर विशाल जुलुस के साथ ताजियो का हुआ विसर्जन     |     प्रकृति संस्कृति के संरक्षण का संदेश लेकर जिला मुख्यालय पर ही धूमधाम से मनेगा विश्व आदिवासी दिवस।     |     कलेक्टर एवं विधायक को आवेदन देकर कन्या स्कूल निर्माण बंद करने की मांग !      |