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चलो एक आदत अपनाएँ और इनका पालन करें ….. क्योंकि सुरक्षा के लिए एक कदम, सही दिशा में एक विशाल प्रगति है।

चलो एक आदत अपनाएँ और इनका पालन करें ….. क्योंकि सुरक्षा के लिए एक कदम, सही दिशा में एक विशाल प्रगति है।

पत्रकार इरशाद मंसुरी की कलम से

अलीराजपुर जिले में यातायात को लेकर यातायात पुलिस ने यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक अभियान, चलाया पाम्पलेट बाटे,जागरूकता रथ ग्रामीण अंचलों में यातायाता नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करना है, आमजन मे यातायात जन जागरूकता लाई जाए। यातायात जन जागरूकता रथ को संपूर्ण जिलें के हॉट/बाजारों मे तथा स्थानीय भाषा में यातायात नियमों के प्रति जन जागरूकता का प्रयास किसका असर भी काफी हद तक देखने को मिला यातायात नियमों का पालन करना अलीराजपुर जिले की समस्त सम्भ्रात नागरिकों की जिम्मेदारी है। पुलिस का प्रयास यातायात नियमों के प्रति अधिक से अधिक जन जागरूकता लाना है। अलीराजपुर यातायात पुलिस समय समय पर जागरूकता अभियान चला रही हैं। साथ ही वाहन चालकों से नियमो का पालन करवा रही। कार्यवाही के दौरान नाबालिग बच्चों को उनके पिता को समझाइश दी जाती हैं। साथ ही नियमों के बारे में बताया जाता। 

अब एक नजर इधर भी

सामाजिक एवं औद्योगिक विकास के साथ–साथ हमने परिवहन के भी अनेक साधन विकसित किए, जिनमें से सड़क यातायात सबसे प्रमुख साधन है। इस महत्त्वपूर्ण साधन को सुचारु और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है; क्योंकि ये नियम सभी नागरिकों की भलाई के उद्देश्य से बनाए गए हैं। यातायात के नियम पालन करने से यात्रा सुखद और सुरक्षित हो जाती है।

यदि हम इनका उल्लंघन करते हैं तो किसी दुर्घटना का शिकार हम स्वयं भी हो सकते हैं और हमारे कारण कोई दूसरा भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। वर्तमान में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ निरन्तर बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन समाचार–पत्रों के पृष्ठ ऐसी दुर्घटनाओं की सूचनाओं से भरे रहते हैं। जो हृदय को द्रवित कर जाते हैं। ऐसे में सुरक्षित यातायात के विषय में जानना एवं उसके नियमों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है।

दो पहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग

हैलमेट का प्रयोग करें–दो पहिया वाहनों–स्कूटर, मोटर साइकिल आदि को चलाते समय तथा उस पर पीछे बैठते समय हैलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। हैलमेट द्वारा दुर्घटना के समय सिर की सुरक्षा होती है, यह सिर को गम्भीर चोट से बचाता है।

निर्धारित गतिसीमा का पालन–सड़क पर सुरक्षित यातायात के लिए वाहनों की अधिकतम गति–सीमा का निर्धारण किया गया है। साधारणत: सड़क पर वाहनों की 40 किमी प्रति घण्टे की गति को आदर्श माना जाता है। गति–सीमा का यह निर्धारण मार्गों की दशा के अनुसार अलग–अलग होता है अधिकतर दुर्घटनाएँ तीव्रगति से वाहन चलाने के कारण ही होती हैं। इसलिए सभी को निर्धारित गति–सीमा का पालन करना चाहिए।

सीट बेल्ट बाँधना–कार आदि चार पहिया वाहन सड़क पर तेज गति से चलते हैं। इस कारण इनके दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा भी अधिक रहता है। चार पहिया वाहनों की दुर्घटना में अधिकांश लोगों की मृत्यु सामने सिर टकराने से होती है। सीट बेल्ट दुर्घटना के समय व्यक्ति को आगे की ओर झुकने से रोकती है, जिससे उसका सिर सामने गाड़ी के डेस्क–बोर्ड अथवा दूसरी सीट से नहीं टकराता है और व्यक्ति सुरक्षित बच जाता है। दुर्भाग्यवश होने वाली ऐसी किसी भी दुर्घटना में हानि को कम करने के लिए वाहन के चालकसहित सभी यात्रियों को सुरक्षा हेतु सीट बेल्ट अवश्य बाँधनी चाहिए।

 अन्य वाहन से आगे निकलना (ऑवरटेकिंग)–आगे चलने वाले वाहन से संकेत मिलने पर ही हमें उस वाहन के दायीं ओर से आगे निकलना अर्थात् ऑवरटेक करना चाहिए। भूलकर या जल्दीबाजी में गलत दिशा से ऑवरटेक करना जानलेवा हो सकता है। ऑवरटेक करते समय यह भी ध्यान रखें कि सामने से कोई वाहन न आ रहा हो।

 यातायात के अन्य नियमों के अतिरिक्त अन्य कुछ महत्त्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करना भी आवश्यक है

किसी भी प्रकार के नशे की अवस्था में वाहन न चलाएँ।

वाहन सदैव अपनी लाइन ने चलाये साथ ही वाहन मोड़ते समय आवश्यक संकेत (इण्डीकेटर) दें और हॉर्न बजाएँ।

वाहन में निर्धारित संख्या से अधिक व्यक्तियों को न बैठाएँ।

स्कूल, अस्पताल, चौराहों आदि के समीप पैदल यात्रियों का ध्यान रखते हुए अपने वाहन की गति धीमी रखें।चकाचौंध करनेवाली हैडलाइटों का प्रयोग न करें। रात के समय डिपर का प्रयोग करें। वाहन की नम्बर प्लेट साफ एवं सही लिखवाएँ। यातायात के संकेतों का पालन करें।

सड़क पर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। बिना इनके हमें वाहन नहीं चलाने चाहिए। सड़क पर पैदल चलते हुए या वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात न करें और ईयर फोन लगाकर गाने आदि न सुनें।

यातायात दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण

जल्दबाजी और लापरवाही (असावधानी) सड़क दुर्घटना के दो प्रमुख कारण हैं। इसीलिए आपको सड़क पर जगह–जगह “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” और “दुर्घटना से देर भली” के बोर्ड लगे हुए मिल जाएंगे। इस जल्दबाजी और लापरवाही के कारण न जाने कितने मासूम एवं बहुमूल्य जीवन मृत्यु की भेंट चढ़ जाते हैं। यात्रा करते समय हमें जल्दबाजी और असावधानी दोनों से ही बचना चाहिए। अनियन्त्रित गति सड़क दुर्घटना का दूसरा बड़ा कारण है। आज तेज रफ्तार का शौक, शक्ति व कला के साथ प्रदर्शन के नाम पर होती स्टंट ड्राइविंग यातायात दुर्घटनाओं को जन्म दे रही है। युवावर्ग भूल रहा है कि उसका जीवन कितना अनमोल है, उसके परिवार, माता–पिता, समाज और देश के लिए। इसके अतिरिक्त असुरक्षित पार्किंग, अवयस्क बच्चों द्वारा वाहन चलाना, बढ़ती भीड़, जाम, अनियन्त्रित यातायात, टूटी–फूटी सड़कें आदि सभी यातायात दुर्घटनाओं के अन्य महत्त्वपूर्ण कारण हैं।

यातायात दुर्घटनाओं के प्रति हमारे दायित्व

यातायात दुर्घटनाओं में सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हम दुर्घटनाएँ हो जाने के पश्चात् उसके प्रति अपने दायित्व का निर्वाह किस प्रकार करते हैं। यदि सभी लोग दुर्घटनाओं के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह भली–भाँति करें तो इन दुर्घटनाओं में मरनेवाले लोगों की संख्या में बड़ी गिरावट आ सकती है। दुर्घटना हो जाने पर हमारा सबसे बड़ा दायित्व यह है कि हम सबसे पहले दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को यथासम्भव प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराएँ। यदि वह गम्भीररूप से घायल है तो उसे तुरन्त नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराएँ। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उपचार दिलाने के पश्चात् आप पुलिस रिपोर्ट आदि की कार्रवाई कर सकते हैं। दुर्घटना के समय हमारा एक बड़ा दायित्व यह भी है कि हम दुर्घटना स्थल पर अनावश्यक भीड़ न जुटाएँ और जितना शीघ्र हो सके यातायात को सुचारु करने में शासन–प्रशासन की सहायता करें।

अलीराजपुर ब्रेकिंग न्यूज आप सभी को यातायात नियमों का पालन करने की हिदायत देती हैं।

 

इस प्रकार यातायात सम्बन्धी नियमों का पालन करके और सावधानी रखकर हम स्वयं भी सुरक्षित रह सकते हैं और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। हमें सदैव यह बात ध्यान रखनी चाहिए

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जल, जंगल एवं जमीन हमारी धरोहर है उसे बचाना हमारा फर्ज :-विधायक पटेल     |     अलीराजपुर गायत्री शक्तिपीठ पर हो रहा कन्या कौशल शिविर का आयोजन, खंडवा गायत्री परिवार की 15 – 15 वर्ष की चार कन्याएं शिविर में दे रही कन्याओं को प्रशिक्षण।     |     आंगनवाड़ी ग्रामीण भारत की जीवन रेखा के तहत लोक अधिकार मंच का ब्लॉक स्तरीय प्रमार्श एवम रिपोर्ट शेयरिंग कार्यक्रम आयोजित ।     |     ई डायरी का विरोध बोले फिल्ड कर्मचारियों को बंदिशों मे बांधकर एक ही दिन अलग अलग काम कैसे लेंगे अधिकारी,किसान भी होंगे परेशान।     |     दो बाइक की आमने-सामने जोरदार टक्कर:हादसे में एक महिला गंभीर रूप से घायल, जिला अस्पताल किया रेफर     |     असामाजिक तत्व पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से जिला पुलिस बल अलीराजपुर द्वारा “ऑपरेशन थर्डआई” प्रारंभ किया जा रहा है।     |     9अगस्त को चाँदपुर मे मालिक टंटया मामा भील की मूर्ति स्थापित कार्यक्रम को लेकर समिति गठित     |     या हसन या हुसैन के नारो ओर विशाल जुलुस के साथ ताजियो का हुआ विसर्जन     |     प्रकृति संस्कृति के संरक्षण का संदेश लेकर जिला मुख्यालय पर ही धूमधाम से मनेगा विश्व आदिवासी दिवस।     |     कलेक्टर एवं विधायक को आवेदन देकर कन्या स्कूल निर्माण बंद करने की मांग !      |