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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर किशोरियों एवं ग्रामीण महिलाओ के लिए जागरूकता कार्यक्रम

नवीन शासकीय महाविद्यालय सोंडवा के गोद ग्राम खामट में आजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में आज दिनांक 7 अप्रैल 2022 विश्व स्वास्थ्य दिवस पर स्थानीय चिकित्सा केंद्रों के माध्यम से गोद ग्राम में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया एवं महिलाओं व युवतियों को सेनेटरी पैड , महामारी के प्रति अनुचित धाराओं के संबंध में स्थानीय महिला चिकित्सकों के माध्यम से गोद ग्राम खामट पटेल फलिया मैं महिलाओं किशोरियों व युवतियों को आवश्यक परामर्श प्रदान कराया।

स्थानीय चिकित्सा केंद्र से डॉ. अभिषेक भट्ट (C.H.O)एव डॉ. अंकिता सिकरवार(C.H.O) का संपूर्ण सहयोग रहा।

सर्वप्रथम डॉ. अभिषेक भट्ट द्वारा महिलाओं एवं युवतीयो को महावारी के संबंध में बताया एवं उनसे होने वाले इंफेक्शन से किस तरह बचाव किया जाए उसके प्रति जागरूक किया गया सेनेटरी पैड के बारे में बताएं कि बहुत से महिलाएं एवं युवतियां अधिकतर जो गावों में रहते हैं वहां कपड़ा इस्तेमाल करता है और उस कपड़े को अच्छी तरह से धोए एवं यह याद रखें कि वही कपड़ा कोई दूसरा इस्तेमाल न करे अधिकतर मेरे इस वर्तमान कार्य में मैंने देखा है कि महिलाएं इंफेक्शन का शिकार हुई है इस इंफेक्शन का शिकार वह महिलाएं होती है जो महावारी के समय एक ही कपड़े का उपयोग उनकी लड़की, बुवा, मां ,बहन सभी उसी कपड़े का उपयोग करते हैं इसके कारण यह इंफेक्शन फैलने लगता है एवं साफ सफाई का महत्वपूर्ण तरीके से ध्यान रखें महामारी के समय अधिकतर महिलाओं युवतियों की किशोरियों को पेट में दर्द होना भूख न लगना चिड़चिड़ापन होना यह साधारण सी बात है एवं महामारी के समय खुजली आती है और इंफेक्शन का शिकार होती है साथ ही डॉक्टर भट्ट ने आयरन की गोलियां के बारे में बताएं कि किस आयु में किस तरह की गोलियां किशोरियों को दी जाती है आयरन की गोलियां 10 से 19 वर्ष की किशोरियों को नीली कलर की गोली दी जाती एवं 1 से 5 वर्ष की बालिकाओं को सायरप दिया जाता है और 6 से 9 वर्ष की बालिकाओं को गुलाबी गोली दी जाती जो आयरन की होती महामारी के समय खून की कमी बहुत अधिक बढ़ जाती है जिससे किशोरियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह पौष्टिक आहार खाए साग सब्जियां ,हरी सब्जी जिसमें वसा, कार्बोहाइड्रेट आदि की मात्रा होती है अगर ज्यादा परेशानी हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर से सलाह लेवे ।

तत्पश्चात डॉक्टर अंकिता सिकरवार द्वारा सभी महिलाओं को जो कार्यक्रम में उपस्थित थी उनको राम-राम नमस्कार के साथ ही कहा  लड़की और मां अगर स्वस्थ रहेंगे तो परिवार भी स्वस्थ रहेगा और हम आपको जागरूक करने के लिए आए। हर महिला किशोरी का शरीर एक जैसा नहीं रहता महावारी एक ऐसा चक्र है जो खानपान जलवायु आदि पर भी निर्भर रहता है जैसे राजस्थान में बहुत ही गर्मी होती है तो अधिकतर देखा गया है वहां पर ग्यारह 12 वर्ष की युवती ओ भी महामारी पीरियड्स आना चालू हो जाती है किशोरियों की उम्र जैसा कि 14 वर्ष 16 वर्ष 18 वर्ष की आयु में पीरियड आना चालू हो जाते हैं पेट दर्द होता है, पानी की कमी हो जाती है तो आयरन की गोलियां खाई एवं गर्म पानी की सिकाई पेडु पर करें

खाने पीने में कमी ना रखें। सेनेटरी पैड का उपयोग करे ,साथ ही डॉक्टर सिकरवार ने पुराने जमाने की भ्रांतियों को भी दूर करते हुए कहा कि पुराने जमाने में अगर महिला को पीरियड आते थे तो उन्हें आराम के लिए वह कुछ काम करने नहीं देते थे ना कहीं कुछ जाने देते परंतु वर्तमान में कुछ लोगों ने इन भ्रांतियों को कुछ अलग ही रूप दे दिया जैसा कि पीरियड आने पर उन्हें किचन में न घुसने देना उन्हें खाना बनाने देना उन्हें पानी दूर से देना उन्हें अलग कमरा दिया जाता है यदि धारणाओं को वर्तमान के कुछ लोगों ने बना रखी है परंतु यह गलत है और इसे छुआछूत का नाम दिया गया है जिससे उसे घर की चीजों से दूर रखा जाता है परंतु यह सब गलत आज युग बदल रहा है हमें उस दौर को भूलकर और कुछ ऐसे व्यक्ति जो आज भी ऐसे ही नकारात्मक सोच रखते हैं उन्हें सिखाने की जरूरत महिला एवं किशोरियों को यह बताते हुए बहुत ही आनंदमई अनुभव हुआ। उसके बाद कार्यक्रम में सम्मिलित ग्रामीण महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें मसरी मंडलोई, गीता मंडलोई ,संगीता को खून की कमी बताए गए डॉक्टरों ने उन्हें आयरन की गोली के आयरन फोलिक नाम की टेबलेट और सायरप दिया गया ।

उक्त कार्यक्रम में प्रो. कविता चौहान, b.a. प्रथम वर्ष की छात्राएं दीपिका सोलंकी, दया आवास्या, रंजीता निंगवाल शिवानी निंगवाल आदि छात्राओं ने एवं ग्रामीण महिलाओं में मसरी, गीता, लीला, उर्मिला, मंजू किरण, संगीता, भाली आदि ग्रामीण महिलाओ की उपस्थिति रही।

उक्त कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर विशाल देवड़ा ने किया प्रो. देवड़ा ने ग्रामीण महिलाओं को पूछते हुए कहा अगर आपको अभी भी कोई डर है कोई समस्या है तो निडर होकर बताओ और आपके साथ यहां पर उपस्थित डॉक्टर को अपनी शारीरिक समस्याएं बताएं जिसका इलाज चिकित्सक द्वारा किया जा सके ।

संचालनकर्ता प्रो. विशाल देवड़ा द्वारा चिकित्सक एव कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्यार्थी और ग्रामीण महिलाओ को धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया ।

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