गांव -गांव में याद किया जाएगा बाबा साहब अम्बेडकर का योगदान: अंबेडकर जयंती विशेष
स्थानीय टंट्या भील चौराहा से एसटी एवं एससी समाज के समाज जन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनो के पदाधिकारी,11 बजे एकत्रित होकर रैली के रूप में तीखी इमली पहुँच कर करेंगे माल्यार्पण
अलीराजपुर:- 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से गांव – गांव में सभा और छोटे -छोटे समुह में घर -घर जाकर बाबा साहब के योगदान और संविधान की जानकारी दी जाएगी, सभी यूवाओं से अपील है कि अपने -अपने गांव मे सभी को एकत्रित कर उन्हे बाबा साहब अम्बेडकर की फोटो पर माल्यार्पण करें और उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बताएं कि बाबा साहब और उनका संविधान उतना ही आवश्यक है जितना कि वायु , जिस तरह से वायु बिन जीवन संभव नहीं है उसी तरह संविधान के बिना ये देश और समाज सुचारू ढंग से चलाना संभव नहीं है।
स्थानीय टंट्या भील चौराहा से एसटी एवं एससी समाज के समाज जन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनो के पदाधिकारी,समाज के वरिष्ठ, अधिकारी कर्मचारी,महिलाएं युवा,छात्र,किसान प्रातः11बजे एकत्रित होकर रैली के रूप,रामदेवी मंदिर,निम चोक, मेन मार्केट, बस स्टैंड होते हुये तीखी इमली पहुचेंगे वहाँ डॉ0 बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की स्टेचू पर पूजा अर्चना कर माल्यार्पण किया जावेगा।
यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश रावत,अरविंद कनेश, रमेश डुडवे ने देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में बाबा साहब का अमूल्य योगदान रहा है, उन्होंने महिलाओं को पढ़ने और बराबरी का प्रतिनिधित्व दिया,आज उनकी वजह से महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है चाहे राजनीतिक,धार्मिक , पत्रकारिता ,आदि क्षेत्र में प्रतिनित्व कर रही है, महिला प्रसव अवकाश, प्रसव के समय मिलने वाली सहयोग राशी, मजदूरों का समय 14 घंटे से घटाकर 8 घंटे किया, महिलाएं बाबा साहब अम्बेडकर को जीतना पड़ेगी उतना ही उनका पक्ष मजबूत होगा, संविधान में सबको समानता का अधिकार दिया, सबको पढ़ने -लिखने, अपने हक अधिकार के लिए लड़ने और बोलने का अधिकार दिया, आज देश प्रदेश में बढ़ती मंहगाई,बेरोजगारी, मिटते लोकतंत्र, और बढ़ती तानाशाही से लड़ने के लिए हर व्यक्ति को संविधान की जानकारी होना चाहिए, यदि जानकारी न हो तो संविधान पढ़े, जो आपको हर विपरित परिस्थितियों से निकाल सकता है। रैली एवं माल्यार्पण कार्यक्रम में जिले वासियों को अधिक से अधिक संख्या में पहुचने की अपील की गई है।