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कक्षा पहली से आठवीं के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी की जिलों की रैंकिंग,शिक्षा के क्षेत्र में अलीराजपुर जिला सबसे निचले पायदान पर

मुख्यमंत्री के निर्देश पर रैकिंग सीएम डेशबोर्ड में की गई जारी,अलीराजपुर की शिक्षा प्रणाली भगवान भरोसे

अलीराजपुर:-संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के श्री धनराजू एस ने राज्य शिक्षा केंद्र के एजुकेशन पोर्टल पर कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं के लिए जिलों की रैंकिंग जारी की गई है,जिसमें अलीराजपुर जिला सबसे खराब प्रदर्शन के साथ ही सबसे निचले पायदान पर रहा है, जब कि छिड़वाड़ा जिला ए ग्रेड के साथ पहले स्थान पर रहा है।

*शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैंकिंग जारी की गई है। रैंकिंग में पहला स्थान जिला छिंदवाड़ा ने 77.76 अंक प्राप्त कर ग्रेड A हासिल किया है। दूसरे स्थान पर बालाघाट और तीसरा स्थान नीमच को मिला है। इसी क्रम में सीहोर, नरसिंहपुर, दमोह, बैतूल, शाजापुर, शहडोल और मुरैना को रैंक मिली है। रैंकिंग में आखिरी पायदान पर ग्रेड D के साथ 50वें स्थान पर रतलाम, 51वें स्थान पर गुना और आखिरी में सबसे निचले स्थान पर अलीराजपुर जिला है।

जयस जिला अध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान नेकहा कि अलीराजपुर जिले में शिक्षा की स्थिति बहुत ही दयनीय एवं गंभीर है।अभी कुछ समय पहले ही भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे रिपोर्ट जारी की गई हैं,जिसके मुताबिक जिले कि शिक्षा की स्थिति देश में सबसे कमजोर एवं निचले पायदान पर अंकित की गई है। जिसके परिणामस्वरूप जिले को आकांशी जिला घोषित किया गया है।जिले में शिक्षा की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं,विभाग में अपात्र कर्मचारियों को प्रभारी बीआरसी,बीईओ,सीएसी बना कर स्कूलों,छात्रावासों में सामग्री सप्लायर,कम्प्यूटर खरीदी, एलईडी खरीदी,अन्य सामग्री में आकाओं के आशीर्वाद एवं अधिकारियों की मिली भगत में लगे हुए हैं।

जयस जिला उपाध्यक्ष अरविंद कनेश ने कहा कि दिनों दिन शिक्षा की स्थिति गम्भीर होती जा रही है,प्रभारी अधिकारियों को परिवर्तन नही किया जा रहा है,जिले के जन प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी इस आदिवासी बाहुल्य जिले को किस ओर धक्केलना चाहते हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी अपात्र प्रभारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लंबे समय से बिठाया गया है।कई बीईओ,बीआरसी को पूर्व में भर्ष्टाचार में लिप्त सामग्री पलंग सप्लायर में दोषी पाये जाने पर निलंबित भी किया जा चुका है फिर भी ऐसे व्यक्तियों के हाथों में शिक्षा विभाग की कमान रहेगी, आने वाले समय में ओर भयानक परिणाम होंगे।शिक्षा के क्षेत्रों में सुधार तभी होगा,आकाओं के आशीर्वाद से मलाई खाने के लिए बिठाये गये प्रभारी विकासखंड अधिकारियों को बदला होगा।

इस आधार पर की गई जिले की ग्रेडिंग

संचालक श्री धनराजू ने कलेक्टर को पत्र जारी कर रैंकिंग में 7 प्रमुख घटकों के लिए शिक्षा विभाग की अपेक्षाओं के अनुरूप अंक निर्धारित किए गए है।

नामांकन और ठहराव के लिए 21 अंक, सीखने के परिणाम और गुणवत्ता के लिए 21, शिक्षक व्यावसायिक विकास के लिए 10, समता के लिए 10, बुनियादी ढाँचा और सुविधा के लिए 13, शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन के लिए 20 और पढ़ना-लिखना अभियान के लिए 5 अंक निर्धारित किए गए है।

इस तरह समग्र शिक्षा योजना में संचालित कार्यक्रम और गतिविधियों के साथ ही छात्रों के सीखने के प्रतिफल, शिक्षकों की क्षमता संवर्धन, शालाओं में उपलब्ध संसाधन और विभिन्न मूल्यांकनों में शालाओं के प्रदर्शन आदि को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शन आधारित रैंकिंग तैयार की गई है।

रैंकिंग के 7 प्रमुख घटक

नामांकन और ठहराव घटक में पहली कक्षा में विद्यार्थी का एनरोलमेंट, कक्षा पाँचवीं से छठवीं में विद्यार्थी के प्रवेश का प्रतिशत और विद्यार्थी की शाला छोड़ने की दर को महत्व दिया गया है। सीखने के परिणाम और गुणवत्ता घटक में विद्यार्थियों का विद्यालय, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप में प्रदर्शन के साथ कक्षा पाँचवीं और आठवीं में “ए” और “ए प्लस” ग्रेड लाने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत को ध्यान में रखा गया है। समता घटक में समाज के कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का कक्षा पाँचवीं और आठवीं में प्रदर्शन के साथ दिव्यांग विद्यार्थियों के पहचान और प्रोफाइल अपडेशन, सुविधाएँ और प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है। इसी तरह बुनियादी ढाँचा और सुविधा में शालाओं में रैंप और बिजली की सुविधा, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में शालाओं का प्रतिशत और सिविल वर्क के पूर्ण करने को महत्व दिया है। शिक्षक व्यावसायिक विकास घटक में शिक्षकों का निष्ठा एफएलएन सर्टिफिकेशन में प्रतिशत और राज्य स्तरीय टीएलएम मेला में शिक्षकों की भागीदारी को ध्यान में रखा गया है। शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन घटक में सीएम हेल्पलाइन कंप्लेंट, सीआरसी और बीआरसी द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण, कम नामांकन वाली शालाएँ और वित्तीय कुशलता का मापन किया जायेगा। इसी तरह पढ़ना-लिखना अभियान घटक में अभियान के तहत जिले में वॉलंटियर के रजिस्ट्रेशन और मूल्यांकन में नव साक्षर की सहभागिता का मूल्यांकन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश पर किया विकसित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के शासकीय शालाओं की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश पर अमल करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रावधिक रैंकिंग जारी की हैं। जिलों की रैंकिंग में शाला, विद्यार्थी, शिक्षक और प्रबंधन कार्य प्रमुख केंद्र रहे है। सभी जिला कलेक्टर्स से सुधारात्मक सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त की करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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