जीवनदायिनी डोही नदी की हो रही दुर्दशा
आदील मकरानी की रिपोर्ट ✍🏻
जोबट:- कल कल बहती जीवनदायिनी डोही नदी जोबट में जल आपूर्ति का एक समय मुख्य जलस्रोत हुआ करती थी यहां हर समय बारह महीने तक नदी में पानी बहते हुए देखा जा सकता था । लेकिन कुछ वर्षो से इस जीवनदायिनी नदी की हालत ऐसी हो गई है कि यहां बदबू और गंदगी के सिवा कुछ नजर नहीं आता । साथ ही कूड़ा कचरा, गंदगी, जलकुंभी और पूरे गांव का गंदा पानी नालों के माध्यम से बहता हुआ इस नदी में आकर गिरता है । ओर वहीं आज देखे तो पूरी नदी में गाद और जलकुंभी ने अपने पांव पसार लिए है जिसके चलते कई बार यहां मवेशी फस चुके है जिन्हे बचाने में कई बार कुछ जागरूक लोगो ने बड़ी मशक्कत की और उन्हें बाहर निकलकर बचाया भी गया । लेकिन इतना सब कुछ सामने दिखते हुए भी जोबट की इस एकमात्र नदी की सुध लेने की किसी भी जिम्मेदार को अपनी जवाबदारी का अहसास नहीं है । न तो जनप्रतिनिधि और न ही जिम्मेदार प्रशाशनिक अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे है ।
गायत्री शक्तिपीठ जोबट के उत्कृष्ट प्रयासों से कई बार इस नदी में प्रशासन और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से सफाई अभियान चलाया गया और शक्तिपीठ से जुड़कर कई गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों ने नदी की सफाई में श्रमदान देकर इस अभियान का हिस्सा बने है और नदी को स्वच्छ करने के प्रयास किए लेकिन प्रशासनिक स्तर से इस ओर नियमित ध्यान न देने से आज यह जीवनदायिनी डोही नदी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है । इस दुर्दशा के लिए जितना सरकारी तंत्र जिम्मेदार है उतना ही नगर भी ।
सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और नगरीय प्रशासन को इस और ध्यान देकर जल्द से जल्द नदी की सफाई, गहरीकरण और इसकी सुंदरता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए । गांव के गंदे और दूषित पानी की निकासी के लिए कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए और साथ ही इसकी सफाई का अभियान नियमित चलाया जाना चाहिए ।
जानकारी के अनुसार कई वर्षो पहले गांव के गंदे पानी के लिए नदी के किनारे खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास जहां गांव का गंदा पानी आता था वहां एक बड़ा कुवा हुआ करता इस कुवे में गंदा पानी जाता था जिससे डोही नदी की स्वच्छता भी बनी रहती थी पर वह कुआं आज विलुप्त हो चुका है । यदि नगर परिषद इस गंदे पानी की निकासी के लिए नदी किनारे जहां पानी आकर रुकता है वहां एक बड़ा कुआं बनवाकर उसमे गांव के गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था कर दे तो नदी को दूषित होने से बचाया जा सकता है ।
शासन द्वारा स्वच्छता मिशन पर लाखो करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है और नदी की स्वच्छता और सुंदरता भी तो आखिर स्वच्छता मिशन का ही हिस्सा है । और स्वछता मिशन के तहत नगरीय प्रशासन के पास बजट भी आता है लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो पाता है । परिषद को जलकुंभी हटवाने का ठेका देकर नदी की सफाई पर जल्द ही ध्यान देने की आवश्यकता है ।
आपको बता दे की इसके पूर्व भी तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने नदी की सफाई के लिए अभियान जरूर चलाए लेकिन निरंतरता के अभाव में आज भी डोही नदी की हालत बदहाल है ।
इनका कहना है
यह सही बात है की आज जीवनदायिनी डोही नदी की हालत बहुत खराब हो चुकी है । इसके पुनः उद्धार के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे और परिषद बिठाकर इस विषय पर चर्चा करके इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाएंगे और साथ ही समाजसेवी संस्थाओं और नगरवासियों को भी इस अभियान में जोड़ा जायेगा ।
राहुल मोहनिया
अध्यक्ष नगर परिषद जोबट