भोंगरिया पर्व “नही” भोंगर्या होली के पूर्व लगने वाला हॉट है, श्रीमती रिंकुबाला डावर जिला पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य ठाकुरसिंह अजनार
अलीराजपुर:- आदिवासी समाज ने सांस्कृतिक परंपरागत रूप से उदयगढ़ भोंगर्या हॉट में ढोल मांदल के साथ नृत्य गैहर (रैली) निकाली गैहर में श्रीमती अनिता जी गाडरिया जनसेवक जोबट श्री हरीश जी अजनार सरपंच, श्री नानसिंह जी कनेश सरपंच श्री बसंत जी अजनार, अर्जुन जी सिंगाड,जयस ब्लाक अध्यक्ष विक्रम जी भयडिया,करण मुजाल्दा जी,पंकज अजनार,श्री वीरेन्द्र जी वसुनिया, श्री वीरेंद्र जी बघेल,भारत चौहान,सुनील,चौहान, वीरेंद्र जी वसुनिया, बापू अजनार बबलु सिंगाड, मुकेश जी अजनार,श्री लालसिंह डावर,आदि हजारों कार्यकर्ताओ ने रैली निकाली जो संदेश दिया कि आदिवासी समाज को कुछ लोगों ने एक कोरा कागज समझ लिया है। जिसके मन मे जो ख्याल आता बोलते है,लिखते है। किसी ने गहराई में जाकर वास्तविकता को जानने की हिम्मत ही नही की है।
आदिवासी समाज की रीतिरिवाज-परम्परा, तीज त्यौहार और जीवन मूल्यों की व्याख्या अपने- अपने तरके से कर रहे है। ऐसा इसलिए हो रहा है। कि आदिवासी समाज बड़ा भोला-भाला है। जिनके बारे में कोई टिप्पणी की जाती है। तो अपनी प्रतिक्रीया नही के बराबर होती है। प्रतिकिर्या नही होने की वजह से ही समाज मे जागरूकता का अभाव है। यदि हजारों लोगों में किसी एक के द्वारा प्रतिक्रिया दी भी जाती है। तो उसकी कोई नही सुनता ऐसे अनेक उदाहरण है। जिसे गलत रूप से प्रचारित किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भोंगर्या हॉट भी है।भोंगर्या हाट को निज स्वार्थी लोगो ने अलग अलग नाम से उनकी संस्कृति कल्चर की बात न बताकर राजनीतिक पार्टियों की ताकत रैली के माध्यम से प्रचार प्रसार कर भोंगर्या हाट का महत्व ही बदलने का प्रचार-प्रसार कर भोंगरिया नृत्य नाम दिया जा रहा है। जो पूर्ण रूप से गलत है।