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7 करोड़ का सोना कहा से मिला दो राज्यों की पुलिस जांच में जुटी, जिस को मिले सोने के सिक्के वो कह रहा नही मिलता तो बेहतर था।

जुबेर निजामी की रिपोर्ट ✍🏻

जुबेर निजामी की रिपोर्ट 

मकान को तोडने में मिले 240 सिक्के सब सोने के भारत में कीमत 1 करोड़ 56 लाख और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 7 करोड़ 20 लाख रुपए मिले भी तो किसी धन्ना सेठ को नहीं। मध्यप्रदेश के एक मजदूर परिवार को अब ये परिवार सदमे में है। इस परिवार का कहना है सारे सिक्के पुलिसवालों ने लूट लिए। अब कुछ नहीं बचा। एक सिक्का बचा था वो दे दिया सिक्का मिला था गुजरात के नवसारी जिले के गांव दिल्लीमोरा में, इसलिए अब गुजरात पुलिस की भी एंट्री हो चुकी है। जिन्हें सिक्का मिला उन्हें तफ्तीश के लिए गुजरात ले गई मध्यप्रदेश में चार पुलिसवालों पर एफआईआर हो चुकी है और टीआई को सस्पेंड भी कर दिया गया है।

जाने सोने के सिक्के जिसने कई लोगों के होश उड़ा रखे है।
अलीराजपुर जिले के सोंडवा थाना अंतर्गत ग्राम बेजड़ा के इस गांव में जब हम पहुंचे तो ऐसा लगा जैसे कुदरत ने यहां के लोगों को शहरी भागदौड़ से दूर बेहद सुकून की जिंदगी दी है, लेकिन जैसे-जैसे हम आगे बढ़े। हमारी ये सोच हवा हो गई। यहां पुलिसकर्मियों आवाजाही तेज है। यहां के लोगों के चेहरे पर भी सुकून की जगह हवाए उड़ रही हैं वजह भी साफ है। यहीं पास में है दगड़ा फलिया। निमाड़ी में पत्थर को दगड़ा कहते हैं, लेकिन इस दगड़ा में एक दिन पहले एक घर से सोना मिलने के मामले ने तूल पकड़ा है। आदिवासी महिला रमकु पति बंशी ने बताया था कि गुजरात के नवसारी जिले के दिल्लीमोरा में मजदूरी के दौरान उसे 240 सिक्के मिले। जिसे वो अपने साथ गांव लेकर आए थे।

कुछ दिन पहले एक ज्वेलर से जांच कराने पर पता चला कि ये सिक्के सोने के हैं और काफी पुराने हैं। इसके बाद घर में चार पुलिसवाले आए और सिक्के लेकर चले गये और रमकु बाई और उसके पति को गुजरात पुलिस लेकर गई है, इसलिए वो फिलहाल घर में नहीं मिले।

परिवार वाले कह रहे हमें भी नहीं पता था इतना सोना घर में है

रमकु के भतीजे शिवम ने बताया कि परिवार में 10 से 12 सदस्य हैं, लेकिन इसकी खबर किसी को कानों कान नहीं थी। 19 तारीख को जब पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ बदसलूकी कर डरा-धमकाकर सोने के सिक्के निकालकर ले गए उसके बाद ही हमें इस बात की जानकारी मिली कि हमारे घर में इतना सारा सोना था। शिवम आगे बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर माह के करीब मेरे बड़े भाई, भाभी, काका और काकी मजदूरी करने के लिए गुजरात राज्य के वलसाड़ गए थे। फरवरी माह में मेरी दादी का देहांत हो गया जिसकी खबर लगने के दूसरे दिन सभी परिजन घर लौट आए। उसी दौरान यह सोने के सिक्के वहां से लेकर आए थे।

कोई चोरी या लूटपाट नहीं की, हमारे परिवार को छोड़ा जाए।

रमकु के देवर का कहना है कि यह सिक्के हम कहीं चोरी करके या लूटपाट करके नहीं लाए हैं। यह तो हमारा नसीब है। जो हमें नसीब से धन प्राप्त हुआ था, लेकिन क्या करें वो भी पुलिस द्वारा जिन लिया गया।

जो सिक्के मिले टकसाल भी भारत में नहीं थी

एसपी हंसराज सिंह ने बताया कि आदिवासी महिला द्वारा लाए गए सिक्के की आलीराजपुर लाकर एक ज्वेलर से जांच कराई तो वह सोने का निकला सिक्के पर जॉर्ज-5 लिखा हुआ है और यह भारत की आजादी से पहले वर्ष 1922 में ब्रिटिश हुकूमत ने जारी किया था। अगर महिला का दावा सही है तो 240 सिक्कों की भारतीय कीमत 1 करोड़ 56 रुपए होती है, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में सभी सिक्कों की कीमत 7 करोड़ 20 लाख रुपए आंकी जा रही है। इस सिक्के को आखिरी बार 1922 में ही जारी किया गया था। इनकी टकसाल भी भारत में नहीं थी ।

जहां से सोना मिला वो पुश्तैनी संपन्न परिवार

एसपी का कहना है कि फरियादी पक्ष के लोगों को लेकर पुलिस मौके पर गई है, जहां पर खुदाई में सोने के सिक्के मिले थे। साथ ही उस परिवार का रिकॉर्ड भी खंगाला गया है जिसमें 1950 तक का रिकॉर्ड हमें मिल चुका है। इससे यही सिद्ध होता है कि उनका परिवार आजादी के पूर्व ही पैसों के मामले में संपन्न रहे हैं। दो भाइयों का परिवार था। एक भाई के परिवार बाहर रहता है।

आरोपी पुलिसकर्मी फरार, तलाश रही पुलिस

एसडीओपी श्रद्धा सोनकर ने बताया कि जिन चार पुलिसवालों पर सोने के सिक्के लूटने का आरोप है वो फिलहाल फरार हैं। उनकी तलाश कर रहे हैं। अब तक जो कहानी सामने आई है, उसके हिसाब से 240 सिक्के उनके पास होने चाहिए, लेकिन सिक्के उनके पास है या नहीं ये उनकी गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद ही पता चलेगा।

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