खुद के साथ दूसरों को दे रहे रोजगार आजीविका मिशन के समूह से ऋण लेकर लगाया ईट भट्टा
खलील मंसुरी की रिपोर्ट
उदयगढ़ -अभी तक तीन बार भट्टा निकालकर करीब दो लाख ईट बेच चुके हैं । पहली बार समूह से ₹1,00,000 का लोन लेकर ईट भट्टा लगाया , जिसमें समूह के 12 लोग काम करते हैं। हमारे द्वारा बनाई गई ईटे प्रधानमंत्री आवास के मकानों के साथ दूसरे कामों में भी उपयोग हो रही है । गांव के साथ बाहर गांव वालों को भी₹3750 प्रति हजार के मान से हम ईटे बेच रहे हैं । जिससे अभी तक हमको करीब ढाई लाख रुपयों का फायदा हुआ है। हमारे समूह की महिलाओं को एक और जहां रोजगार मिला है वही हमारे आस पास के गांव वालों को भी सुविधा हो रही है। समूह से लिया गया लोन हमने वापस जमा कर दिया है, यह कहना है कस्तूरी मावी का, जो गीता आजीविका स्वयं सहायता ग्राम कालूवाट की सदस्य है । मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन विकासखंड उदयगढ़ द्वारा जिला पंचायत सीईओ संस्कृति जैन के मार्गदर्शन मे गीता आजीविका स्व सहायता समूह कालूवाट को मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा आंबुआ द्वारा दिसंबर 2020 में ₹2,00,000 की सीसी लिमिट जारी करवाई गई थी जिसमें से कस्तूरी मावी ने ₹100000 का ऋण लेकर गांव में पहली बार उसने ईट भट्टे का काम शुरू किया । प्रधानमंत्री आवास के कामो में ईटों की लगातार बढ़ती मांग के कारण उसके काम को गति मिली । आज वह बहुत खुश है कि वह अपने परिवार के साथ दूसरों को रोजगार देने में सक्षम है । ग्राम टेमाची के प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही रमेश वेरसिंग बुढ़ावना फलिया ने समूह से निर्मित ईट को खरीदकर उसे सस्ता एवं गुणवत्ता युक्त बताया । कालूवाट निवासी रेमसिंह मावी के अनुसार पहले गांव वालों को ईट खरीदने के लिए अलीराजपुर या भाबरा जाना पड़ता था अभी ट्रैक्टर भाड़ा सहित यदि 1000 ईट खरीद कर लाते तो ₹5000 लगते । इस तरह प्रति हजार पर ₹1250 की बचत हो रही है । कोरोना काल में गांव के लोगों की हालत वैसे ही खराब है ऐसे में बच रहे पैसे बहुत मायने रखते हैं । जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारीयों पवन शाह के अनुसार समूह के प्रयासो से अब गांव वालों को समय , श्रम और धन की बचत हो रही है जिससे एक और जहां विकास कार्यों को गति मिल रही है वही आजीविका के स्थाई संसाधन एवं रोजगार के अवसर विकसित हो रहे हैं ।
विकासखंड प्रबंधक विजय सोनी के अनुसार वर्तमान में ग्राम खंडाला राव एवं बड़ी सुड़ी में समूह के सदस्य ईट भट्टे का कार्य कर लाभ अर्जित कर रहे हैं । जिसके लिए समूहो को बैंक से नगद साख सीमा राशि जारी करवाई गई थी । गतिविधि के सफल संचालन हेतु मिशन सहयोग सदस्य समूह सदस्यों को लगातार सहयोग कर रहे हैं ।