मध्यप्रदेश और गुजरात के एक मात्र साझा आदिवासी वीडियो प्रोडक्शन हाउस ” _Rathwa Production”_ जो की मध्यप्रदेश – और गुजरात के आदिवासी कलाकार को लिए एक साथ मंच उपलब्ध करवाता है
आदिवासी रिव्यु
राठवा प्रोडक्शन ट्रेंड से हटकर नया कंटेंट बाजार में उतारने में विश्वास रखता है। इसने *राती पागड़ी* जैसे हिट वीडियो दिए है व *”मारा मन तू”* आदि नए अंदाज के वीडियो पेश किया है।
इसी कड़ी में राठवा प्रोडक्शन का एक और बेहतरीन वीडियो यूट्यूब पर रिलीज हो चुका है जिसे क्षेत्रीय आदिवासी कलाकारों ने कड़ी मेहनत से तैयार किया है।
इस वीडियो में आदिवासी क्षेत्र व जीवनशैली का बड़ी खूबसूरती से इस्तेमाल हुआ है, मेहुल राठवा ने खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों को अपने कैमरे में बड़ी चतुराई से उतारा है। भरत सस्तिया व सूर्या किराडिया के निर्देश में पूरे वीडियो में कलाकारों का अभिनय व नृत्य जबरदस्त है। राठवा प्रोडक्शन अपने वीडियो आर्टिफिशियल सेट व कलर के इस्तेमाल करने की बजाय वास्तविक दृश्य व जीवनशैली का इस्तेमाल कर वीडियो बनाने के लिए जाना जाता है। जिसकी झलक इस वीडियो में स्पष्ट मिलती है।
अंजली व सूर्या की केमेस्ट्री जबरदस्त है। दीपक बघेल की आवाज व जोएल निनामा ( स्पंदन रिकॉर्डिंग स्टुडियो, झाबुआ ) का संगीत गाने में चार चांद लगा रहा है। ये गीत निश्चित ही आदिवासी संगीत इंडस्ट्री की नई संभावना को व्यक्त करता है।
इस वीडियो में सम्म्मलित सभी लोगो का प्रदर्शन अच्छा है, लेकिन आजकल के आदिवासी वीडियो ट्रेंड को देखते हुए एक बात भी स्पष्ट कर देना होगा कि ज्यादार आदिवासी वीडियो में तीर धनुष, पाटी, हीर से गुथी चमव, लाठी से सजाकर आर्टिफिशियल सेट व भड़कीले रंगों में बन रहे, और लोगो की पसंद भी इस तरह के आदिवासी वीडियो में ज्यादा रही है।
जबकि राठवा प्रोडक्शन की वीडियो शैली प्रकृतिक रही जिसमे भड़कीले रंग व सेट की बजाय वास्तविक दृश्य नजर आते है। हमारी नजर में यह वीडियो मनोरंजन से भरपूर है, यदि जनता इस तरह के वीडियो को अपनाती है तो अदिवासी इंडस्ट्री को नई दिशा मिलेगी।
अंत मे यही कहना चाहूंगा कि अच्छा बुरा यूट्यूब की दुनिया मे जनता के व्यूज तय करते है, उम्मदी है कि दर्शक इस वीडियो पर ज्यादा दे ज्यादा व्यूज देकर आदिवासी कलाकरों की टीम को आशीर्वाद देगी।
सभी लोगो से आग्रह करूंगा कि इस वीडियो को देखे व शेयर करे, इसमें आपके कीमती समय के पांच मिनट लगेंगे।
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