अलीराजपुर जिले से भी सामिल हुए केवट जयंती मछुआ संघ द्वारा मुख्यमंत्री निवास भोपाल में मनाई
अलीराजपुर:- अलीराजपुर जिले से मत्स्य विभाग से सहायक मत्स्योद्योग अधिकारी श्री संदीप वर्मा एवम् मत्स्य निरीक्षक सचिन चौहान साथ ही प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मिनी आर ए एस बनाए जा रहे जल जीविका संस्था के जिला प्रबंधक श्री अजमेरसिंह भिंडे एवम् मछुवारे और मिनी RAS हितग्राहियों को भी शामिल होने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान और मत्स्य विभाग के मंत्री माननीय श्री तुलसिसिलावट द्वारा केवट जयंती में पधारे मछुआरों को संबोधित किया।
क्यों मनाई जाती है केवट जयंती
पंचांग भेद से चैत्र शुक्ल पंचमी, वैशाख कृष्ण चतुर्थी, बैशाख कृष्ण अष्टमी और ज्येष्ठ कृष्ण एादशी के दिन केवट समाज गुहराज निषादजी की जयंती मनाता है। केवट जयंती मछुआ समाज, भोय समाज,काहर समाज, जो बरसों से मछली पकड़ने एवम् मारने का काम करते है
कोन थे केवट
गुहराज निषादजी ने अपनी नाव में प्रभु श्रीराम को गंगा के उस पार उतारा था। वे केवट थे अर्थात नाव खेने वाले। निषादराज गुह मछुआरों और नाविकों के मुखिया थे। श्रीराम को जब वनवास हुआ तो वे सबसे पहले तमसा नदी पहुंचे, जो अयोध्या से 20 किमी दूर है। इसके बाद उन्होंने गोमती नदी पार की और प्रयागराज (इलाहाबाद) से 20-22 किलोमीटर दूर वे श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था।