जोबट में होगी आदिवासी समाज की विशाल महापंचायत, आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं की बैठक संपन्न।
मध्यप्रदेश के जोबट में राजस्थान – गुजरात के आदिवासी समाज भी होंगे शामिल।
आदील मकरानी की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला अलीराजपुर में 97 प्रतिशत आदिवासी समाज निवास करता है आदिवासी समाज प्रकृति से जुड़ा है जल जंगल जमीन के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी समाज के माथे पर चिंता की लकीरें बनी हुई है, उसकी वजह आदिवासियों की जमीन में व्याप्त खनिज संपदाएं है जिस पर खनिज विभाग, बिजनेसमैन और सरकार की नजर है, कई बार यहां सर्वे के बाद खदान नीलामी की स्थिति बनी हुई है, लेब के कई कर्मचारी पत्थरों के सैंपल लेने के लिए चिन्हित स्थानों पर पहुंचते है, इस घटना को लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुके है, ग्राम पंचायतों में पैसा एक्ट के तहत प्रस्ताव भी पारित कर चुके है। इस मुद्दे सहित आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार और झूठे विकास मॉडल, महंगाई, पलायन, सहित अन्य मुद्दों को लेकर जोबट में महापंचायत कर सरकार और खनिज पर जिनकी नजर है सभी को बताना चाहते है की आदिवासी किसी भी हाल में जमीन देने को तैयार नहीं है, और बड़ा आंदोलन कर सीधे चुनौती पेस की जाएगी।
इसको लेकर आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं की बैठक संपन्न हुई जिसमे शंकरसिंह गुथरिया, नेहरू बघेल, ठाकुर अजनार जिला पंचायत सदस्य, लक्ष्मण डावर सरपंच, मोतेसिंह भूरिया सरपंच, संदीप बघेल, दिनेश बघेल, संपत धाकड़, रितेश लोहार, अंकुश डुडवा, संजय भूरिया, सुनील सस्तिया.रोहित खरत सहित जयस कार्यकर्ता उपस्थित थे।