शहीद एक व्यक्ति नहीं पूरा परिवार होता है- क्रांतिधर्मा मोहन नारायण
शहीदों का त्याग और बलिदान उन्हें बनाता है भगवान – क्रांतिधर्मा मोहन नारायण
शहीदों का बलिदान धर्म और संस्कृति के मृत्युंजय होने की ग्यारंटी देता है शहीद – क्रांतिधर्मा मोहन नारायण
सार्वोच्च बलीदान को दिया सार्वोच्च सम्मान,
शहीद परिवारों का गंगाजल से गंगाजल से पैर धोये
शहीद तिरंगा यात्रा ने भरे देशभक्ति के रंग
पुष्प वर्षा से नहाया ग्राम जावदरा
कभी जो जिंदगी थे,उनका ताजिंदगी
जिंदगी से जूझना शहादत की बात है,
शहीद होना महज मर मिटना नहीं
ये तो शहादत की शुरुआत है,
हर हलछट पर शहीद की माँ को शहीद होना पड़ता है, हर करवाचौथ पर शहीद की वीरांगना को शहीद होना पड़ता है, स्कूल की पेरेंट मीटिंग के वक्त बच्चों को शहीद होना पड़ता है, हर तीज-त्योहार पर पिता को शहीद होना पड़ता है, दीपावली के दिन दीपक के साथ परिवार को जलना पड़ता है, होली के दिन रंग की तरह उनके सपने भी उड़ जाते है, इसलिए केवल सैनिक शहीद नहीं होता पूरा परिवार शहीद होता है। यह बात शहीद स्मृति दिवस कार्यक्रम में शहीद समरसता मिशन के संस्थापक क्रांतिधर्मा मोहन नारायण जी ने कही।
भारत की मिट्टी गौरवशाली है
भारत की मिट्टी गौरवशाली है, यहां पर जन्म राम, कृष्ण, नानक, महावीर, बुद्ध ने जन्म लिया और भगवान कहलाए, इसी मिट्टी में कुछ तो बात है। इसी मिट्टी के लिए बॉर्डर पर हमारे सैनिक खून देते है इसलिए शहीदों का त्याग और बलिदान उन्हें बनाता भगवान है।
शहादत के बाद शहीदों को भुला दिया जाता है
जिस दिन शहादत होती है उस दिन पूरा गांव, शहर राष्ट्रभक्ति में सराबोर होता है लेकिन उसके बाद हम भूल जाते है कि शहीद के घर चूल्हा जल रहा है या नहीं? उनके बच्चों की परवरिश, माता-पिता का इलाज़, बेटी के विवाह में क्या समस्या है? हम यह नहीं पूछते।
वन चेक वन साइन फॉर शहीद
आगे मोहन नारायण कहते है कि शहीद समरसता मिशन पिछले 14 वर्षों से देशभर में शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के आर्थिक सहयोग हेतु 10 राज्यों के सैकड़ो स्थानों पर रचनात्मक और जनसहयोग के कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने बेटमा से सटे पीरपिपल्या गांव में शहीद मोहन लाल सुनेर की विरंगना राजु बाई के संघर्षों की मार्मिक कहानी का ऐसा जीवंत वृतांत सुनाया की हर कोई भाव विभोर था, हर किसी की आँखे नम थी। वहीं उज्जैन के शहीद गजेंद्र सुर्वे के परिवार के लिए भी आगामी एक वर्ष में एक सर्वसुविधायुक्त घर भेंट करने की बात कही जिसके लिए वन चेक वन साइन फॉर शहीद अभियान चलाया जाएगा।
दरअसल, शहीद राजेश जावदरा की प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम में शहीद स्मृति दिवस का आयोजन किया गया, इस मौके पर क्रांतिधर्मा मोहन नारायण के औजस्वी उद्बोधन से हर कोई भाव विभार था। उन्होंने लोगों से शहीदों के सम्मान और आर्थिक समाधान के लिए लोगों से आगे आने की अपील की। सार्वोच्च बलिदान को सार्वोच्च सम्मान की तर्ज़ पर शहीद की वीरांगना एवं उनके मातापिता का गंगाजल से पाद प्रक्षालन किया।
इससे पहले शहीद पलदुना के हायर सेकेंडरी स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर एवं साईं पब्लिक स्कूल के बच्चों एवं शहीद समरसता मिशन की टोली द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई, जगह-जगह स्वागत एवं पुष्प वर्षा ने युवाओं के जोश को दोगुना कर दिया।
गौरतलब है कि इस मौके पर रतलाम जिले के ग्राम गुणावद के शहीद कन्हैयालाल जाट की वीरांगना सपना जाट, शहीद के पिता विक्रम जाट एवं पलदुना के शहीद राजेश जावदरा की वीरांगना रानू जावदरा, शहीद के पिता रामचंद्र, माता तुलसी बाई जावदरा मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। कार्य्रकम के संयोजक एवं मिशन के उज्जैन संभाग समन्वयक प्रकाश गौड़, पूजा विमल चावड़ा, श्याम माली, कवि पंकज प्रजापत, डॉ. कमलेश शर्मा, महेश जयसवाल, राजेश पाटीदार, जीवन चौधरी, संदीप व्यास रवि लोहार समेत समस्त मिशन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आपकों बात दे शहीद समरसता मिशन द्वारा बीते वर्ष 11 लाख की राशि से निर्मित घर शहीद परिवार को भेंट किया एवं देश के पहले राष्ट्रशक्ति स्थल का निर्माण किया, इस मुहिम को देश और दुनियां ने खूब सराहा।
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क्रांतिधर्मा Mohan Narayan – मोहन नारायण जी
(संस्थापक – शहीद समरसता मिशन)
Shaheed Samarasata Mission
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