उमडेगा आस्था का सेलाब, उडेगी रंग बिरंगी गुलाल, डोल ग्यारस पर्व की तैयारियां पुर्ण
विशाल चौहान की रिपोर्ट ✍🏻
बड़ी खट्टाली/अलीराजपुर । चारभुजा धाम बड़ी खट्टाली कार्यक्रम की शुरुआत कल सुबह 06:00 बजे मंगला आरती से होगी पश्च्यात प्रभात फेरी निकाली जाएगी। ग्राम खट्टाली में मनाया जाने वाले डोल ग्यारस पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। 06 सितंबर मंगलवार को ग्राम खट्टाली के चारभुजा मंदिर प्रांगण में आस्था का सैलाब हिलोरे लेगा इस हेतु चारभुजा महोत्सव समिति ने सभी तैयारियों को अंतिम रुप दे दिया है। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:00 बजे से हो जाएगी। ग्राम खट्टाली की पहचान बन चुका डोल ग्यारस पर्व इस बार 06 सितंबर मंगलवार को मनाया जा रहा है। 9:00 बजे श्रंगार आरती के पश्चात क्षेत्र से निकलने वाली पदयात्रा निकलने वाली पद यात्रा का ग्राम खट्टाली में प्रवेश शुरू हो जाता है तथा ग्राम की सड़कों पर आस्था का सेलाब पृगट होने लगता है। दोपहर के ठीक पुर्व 11:30 बजे ध्वजारोहण होगा। ध्वजारोहण कार्यक्रम जो कि करीब 11 बंदूको की सलामी देकर होता है। जिसे हर कोई देखकर अभिभूत होता है। ध्वजारोहण के पश्चात राजभोग आरती होती है जो दोप 01:00 बजे होगी। जिसमे भगवान को फलहारी छप्पन भोग लगाया जाता है। इस वक्त तक तो मानो गांव की सभी सडको पर भक्तो की भीड दिखाई देने लगती है।
यहाँ विशेष बात यह है कि यहां मिलने वाला (मठडी,सागर,लड्डू) का प्रसाद जो कि राजस्थान सांवरिया सेठ के मशहूर कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन उपरांत सशुल्क प्राप्त करते है ।
दोपहर 4:00 बजे उत्थापन आरती होती है, और आरती के ठीक पश्चात “आलकी के पालकी.. जय कन्हैया लाल की के जयघोष के साथ शुरू होता हे चल समारोह। जिसमे हाथी, घोडे, बग्घी पर भगवान चारभुजा नाथ निकलते है जलक्रिडा करने।
जुलुस के अग्रभाग मे भजनो की सुन्दर प्रस्तुती देते बेन्ड, नृत्य करते अश्व के पिछे होती है। श्रध्दालुओ का सेलाब, इस माहोल मे उडती रंग बिरंगी गुलाल से सारा माहोल उस ऐतिहासिक दृश्य को उपस्थित कर देते है। जिसका लाभ लेने के लिए ना जाने कहाँ..कहाँ से लोग यहाँ पहुँचते है। श्रधालु अपनी मनोकामना लेकर उक्त चारभुजा नाथ के मंदिर में आते है। ग्रामीणों व बुजुर्गों का मानना है की इस मंदिर में आकर जो भी मन से जो माँगता है उसकी मनोकामना इस पर्व के दिन पूरी होती है। ग्राम के प्रमुख मार्गो से गुजर कर यह काँरवा हथनी किनारे पहुँचता है, जहा होता है,” भगवान का जलाभीषेक”कर भगवान को आलकि की पालकी के जय घोष के साथ नदी तट पर महा आरती का आयोजन किया जाता हे रंगीन फटाके की चमक बैंड की धुन श्रदालु का मन मोह लेती हे आरती के बाद पुनः चल समारोह चरभुजा मंदिर पहुँच ता हे जहाँ पर महाआरती का आयोजन किया जाता व महाप्रसादी का आयोजन किया जाता व रात्रि भजन का आयोजन किया जाता है। ग्राम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए माहेश्वरी समाज, जैन समाज, राठौड़ समाज, ब्राह्मण समाज, सेन समाज एवं प्रजापत समाज, कर्मचारी वर्ग, सहित समस्त समाज जन काफी सक्रिय रहते है।
सुरक्षा इंतजाम……
स्थानीय चौकी प्रभारी रणजीतसिंह मकवाना ने बताया की ज़िला पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह के सफल मार्गदर्शन में सम्पूर्ण व्यवस्था देखी जा रही है। स्वयं चौकी प्रभारी पूरे स्टाफ़ के साथ घूमकर सारी व्यवस्थाओं का जायज़ा ले रहे है। बाहर से आने वाले वाहनो की पार्किंग व्यवस्था भी की जा रही है।