अनुदान में मिली एंबुलेंस रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाने से किसी काम की नहीं पड़ी पड़ी खा रही धूल
आदील मकरानी की रिपोर्ट ✍🏻
जोबट:- विगत जुलाई 2015 से चल रहे गायत्री शक्ति पीठ द्वारा संचालित नेत्र संकलन केंद्र को जनवरी 2017 में विधायक निधि से एंबुलेंस मिल थी । ताकि शक्तिपीठ और नेत्र संकलन करने वाले कार्यकर्ताओं को नेत्र संकलन करने में कोई परेशानी न हो । इसको ध्यान में रखते हुए तत्कालीन विधायक माधोसिंह डावर ने केंद्र को विधानसभा क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत नई एंबुलेंस की चाबी सौंपी थी ।
उस समय आयोजित कार्यक्रम में विधायक डावर ने कहा था कि गायत्री शक्तिपीठ द्वारा संचालित नेत्र संकलन केंद्र कठिन परिस्थितियों में बगैर संसाधन के मरणोपरांत कार्नियां एकत्रित करने का कार्य कर रहा है । वह हम सभी के लिए गर्व का विषय है। केंद्र की टीम निर्धारित समय से पहले पहुंचकर अपना काम बखूबी निभा रही है । टीम जिले में ही नहीं वरण नजदीक के जिलों में भी जाकर दायित्व को बखूबी निभा रही है । टीम द्वारा बगैर संसाधन के भी संबंधित परिवार तक पहुंचकर कार्नियां एकत्रित कर उसे सुरक्षित आई बैंक इंदौर तक पहुंचाया जा रहा है । और इस कार्निया से कई दृष्टिहीनों की आंखों की रोशनी लौटी है । शक्तिपीठ द्वारा किए जा रहे इस सरहनीय कार्य के लिए विधायक निधि से एंबुलेंस प्रदान की गई थी । तथा कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी रमेशचन्द्र अग्रवाल ने घोषणा की थी की यह वाहन जब भी और जहां भी नेत्र संकलन के लिए जायेगा उसमे डीजल की व्यवस्था मेरे प्रतिष्ठान अग्रवाल पेट्रोल पंप से निशुल की जाएगी और उन्होंने जब जरूरत पड़ी तब वाहन में डीजल भरवाया है ।
लेकिन उक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन आज दिनांक तक नहीं हो पाया है ।
जिसके चलते एंबुलेंस शक्तिपीठ परिसर में पड़ी धूल खा रही है और केंद्र के किसी काम नही आ रही है ।
रजिस्ट्रेशन करवाने की जवाबदारी तत्कालीन जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी की थी और पर्याप्त पत्राचार करने के बाद 3 वर्ष बाद केवल क्रय के कागज केंद्र को प्रदान किए गए जब उनसे वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तब रजिस्ट्रेशन के लिए शक्तिपीठ ने भी बहुत प्रयास किए । वाहन बीएस 3 मॉडल का होने से 31 मार्च 18 तक पंजीयन हो जाना था लेकिन 31 मार्च तक पंजीयन ना होने के कारण यह मॉडल अप्रैल 18 से बंद हो चुका है । साथ ही इस वाहन का रजिस्ट्रेशन शासकीय कोटे से भी नही हो सका ।
रजिस्ट्रेशन के लिए शक्तिपीठ के ट्रस्टी शिवराम वर्मा ने बहुत प्रयास किए और उनके द्वारा वाहन को अलीराजपुर आरटीओ एवं भोपाल आरटीओ ले जाया गया परंतु अलीराजपुर एवं भोपाल में स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया की अब यह मॉडल किसी भी रूप में रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा चाहे शासकीय कोटे में करवाओ या जनरल कोटे में ।
अब नेत्र संकलन केंद्र के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि वह नेत्र संकलन करने तुरंत केसे पहुंचे क्योंकि विडंबना यह है की उक्त वाहन जिसका रजिट्रेशन न हो पाने से वह कई वर्षों से शक्तिपीठ परिसर में खड़ा केवल धूल खा रहा है
बात यह आती है कि विधायक द्वारा केंद्र को दिए गए उक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं नहीं हुआ क्यों जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया ।
चुकी उक्त का स्वामित्व जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी अलीराजपुर का है और उनकी ही यह जिम्मेदारी थी की 31 मार्च 2018 के पहले इसका रजिस्ट्रेशन करवाना था लेकिन उनके द्वारा हुई लापरवाही के कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है । और क्या गायत्री शक्तिपीठ को नेत्र संकलन के इस नेक कार्य के लिए उक्त वाहन के बदले नया वाहन उपलब्ध होगा यह देखने वाली बात है ।
बाते दे कि गायत्री शक्तिपीठ द्वारा संचालित इस नेत्र संकलन केंद्र के माध्यम से अभी तक कुल 96 नेत्र संकलित किए जा चुके हैं उस संकलित कार्निया से अभी तक 192 दृष्टिहीनों को आंखों की रोशनी मिली है । नेत्र संकलन के मामले यह पूरे मध्य प्रदेश में एक मात्र संस्थान है जिसे स्वास्थ्य विभाग मध्य प्रदेश शासन ने पंजीकृत किया है ।
क्या कहना है इनका
मेने उक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कई बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराया साथ ही तत्कालीन कलेक्टर सुरभि गुप्ता से भी इस संबंध में मिला । और तीन साल तक लगातार प्रयास करने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नही हो पाया ।
शिवराम वर्मा
ट्रस्टी गायत्री शक्तिपीठ जोबट
उस समय सीएमएचओ डा. प्रभाकर नानावरे थे उन्होंने प्रयास किया उनके बाद मेने भी प्रयास किया लेकिन नही हो पाया लेकिन में इसके लिए आरटीओ में बात करूंगा ताकि कुछ हल निकल सके ।
डा. प्रकाश ढोके
सीएमएचओ अलीराजपुर