ड्रायवर और ईएमटी ने रास्ते में कराई महिला की डिलेवरी 108 के पायलेट व इ एमटी जच्चा बच्चा के लिए बने भगवान, निभायी अपनी ड्यूटी
जुबेर निजामी कि रिपोर्ट ✍🏻
अलीराजपुर यु तो 108 सेवा हर मरिज के लिए तत्पर रहती में मगर इस पायलेट व ईएमटी राजेश मौर्य पायलट, जितेंद्र भावेल ने 108 में ही महिला को दर्द सुरू होने पर बीच रास्ते में वाहन रोककर डिलीवरी करवाई और गुजरात के जब्बुगांव के दिपक चेरिटेबल हॉस्पिटल मैं सुरक्षित पहुंचाया गर्भवती महिला का नाम बेसरी बाई पति का नाम तेरलिया गांव ओजड़ सोंडवा जिला अलीराजपुर की रहने वाली हैं जिसको अलीराजपुर के जिला अस्पताल लाया गया था जहां से आलीराजपुर से डाक्टर ने ज्यादा दर्द होने पर क्टीकल सिजर का बोलकर महिला को बड़ौदा के लिए रेफर किया गया था। मगर अचानक रास्ते में महिला को दर्द बढ़ने के कारण जितेन्द्र भावेल ने वाहन रुकवाकर महीला को समझाइश दी महिला ने कहा वो दर्द सहन नहीं कर पा रही है उसे लग रहा था की डिलेवरी किसी भी वक्त है सकती है उसकी मदद करें। फिर क्या था दोनों पायलट व इ एमटी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और रास्ते में ही सफल डिलेवरी करवाकर जच्चा बच्चा को सुरक्षित जब्बुगाव छोड़ा।
बड़ा सवाल यह है की इतनी सुविधाए होने के बाद भी मरिजो को बगैर जांच के डाक्टर अपने कर्तव्य से इतिश्री क्यों कर लेते हैं यदि सही तरह से जांच की होती तो गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार बच्चा दानी का मु खुलने के संकेत 2 घंटे पहले हि मिल जाते मगर फिर भी जिला चिकित्सालय की डाक्टर व ड्युटी नर्स की बड़ी ला परवाही उजागर हो रही है आदिवासी महीलाओं की जान को जोखिम में डालकर बगैर जांच किए मरिज को केसे रेफर किया गया ये बड़ा सवाल है।
उक्त वाहन नानपुर 108 गाड़ी नंबर CG 04 NR 6267 से रेफर किया गया था।