रोको टोको अभियान के साथ ही आर्थिक दंड भी वसूला जा रहा है
आर्थिक दंड का भार ग्रामीण दोपहिया वाहन चालकों पर अधिक
साजिद शेख की आम्बुआ:- जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर कहर ढा रही है उससे शासन-प्रशासन को चिंतित होना लाजमी लग रहा है कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोरोना गाइड लाइन में मास्क पहनना भी अनिवार्य है बगैर मास्क वालों को समझा कर परेशान हो चुके प्रशासन ने आर्थिक दंड वसूलना प्रारंभ कर दिया है जिसका अधिकतर भार ग्रामीण दोपहिया वाहन चालकों तथा अन्य ग्रामीणों पर पड़ रहा है जहां चालान बनाए जा रहे हैं लोग वहां रास्ता छोड़ अन्य रास्तों से आ जा रहे हैं इस आर्थिक दंड से कोरोना संकट कम होता है या नहीं मगर शासन को आर्थिक लाभ जरूर नजर आ रहा है
कोरोना के संक्रमण की गति को रोकने के लिए शासन के निर्देश है
कि लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें हाथ धोएं सैनिटाइजर का तथा मास्क का उपयोग जरूर करें मगर देखा जा रहा है कि लोग इस ओर से बेपरवाह बने हुए रहकर स्वयं तथा अपने परिवार एवं समाज को मौत के मुंह धकेलने का कार्य कर रहे हैं प्रशासन द्वारा रोको टोको अभियान के तहत बगैर मास्क वालों को अर्थदंड से दंडित किया जा रहा है आम्बुआ पुलिस प्रांगण में 31 मार्च से राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी सड़क पर सरपट दौड़ते दोपहिया वाहन चालकों एवं सवारियों को पुलिस की मदद से रोक कर समझाईस के साथ-साथ 50 रूपये के चालन की रसीद लेकर 50-50 रुपए वसूल रहे हैं जिससे प्रतिदिन हजारों रुपए की आय प्रशासन को हो रही है।
हमारे प्रतिनिधि ने कार्यवाही स्तर पर कुछ समय रह कर देखा तो पाया कि चालानी तथा दंडात्मक कार्रवाई में ग्रामीण अधिक दंडित हो रहे हैं कुछ मार्ग बदलकर निकल रहे हैं एक स्थान पर बैठक कर कार्रवाई की बजाय राजस्व अमला पुलिस विभाग की मदद से कस्बे तथा शहरी क्षेत्र में भ्रमण कर दुकानों, बसों, होटल, बैंकों, सहकारी संस्थाओं क्योस्क सेंटरों, हेयर सैलूनो, निजी तथा सरकारी अस्पतालों, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी तथा शिक्षण संस्थाओं आदि का निरीक्षण कर समझाईस के साथ दंडात्मक कार्यवाही करें तथा यह निरीक्षण कार्यवाही सतत कुछ सप्ताह तक चलती रहे ताकि लोग गाइडलाइन के पालन के आदी हो जाए और कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके